ट्रंप का वेनेज़ुएला पर दबाव का लक्ष्य, वहां का विशाल तेल भंडार है: कोलंबिया
कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की वेनेज़ुएला पर दबाव बढ़ाने की नीति का असली लक्ष्य ड्रग्स तस्करी या लोकतंत्र नहीं, बल्कि वेनेज़ुएला का विशाल तेल भंडार है। उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन की सोच में “तेल ही मुख्य मुद्दा” है और यही वजह है कि अमेरिका हाल के महीनों में कैरिबियन और प्रशांत क्षेत्रों में अपनी सैन्य गतिविधियां तेज़ कर रहा है।
अमेरिकी वेबसाइट Axios की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि ट्रंप अपने सलाहकारों से कह चुके हैं कि वह वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से सीधे बात करने के इच्छुक हैं। पेट्रो ने CNN को बताया कि यह बातचीत भी “तेल के सौदे” के इर्द-गिर्द घूमती है और ट्रंप को न तो वेनेज़ुएला के लोकतंत्र की परवाह है और न ही ड्रग्स तस्करी की। पेट्रो और कई विश्लेषकों का कहना है कि वेनेज़ुएला विश्व का प्रमुख ड्रग उत्पादक नहीं है और वैश्विक व्यापार का बहुत छोटा हिस्सा ही वहां से गुज़रता है।
ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद पेट्रो उनकी प्रवासन नीति, इज़रायल को दिए जा रहे समर्थन और लैटिन अमेरिका में अमेरिकी सैन्य हलचलों के कट्टर आलोचक बन गए हैं। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान उन्होंने अमेरिकी सैनिकों से अपील की थी कि वे “ट्रंप के अमानवीय आदेशों का पालन न करें” और इंसानियत पर बंदूकें न तानें। इसके बाद उनका अमेरिकी वीज़ा रद्द कर दिया गया। पेट्रो का कहना है कि वे अमेरिकी लोगों से यह संदेश दोहराते रहेंगे कि उनका कर्तव्य किसी भी तरह के दमन के खिलाफ खड़े होना है।
अक्टूबर में अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने पेट्रो पर प्रतिबंध लगाए और उन्हें, ठीक मादुरो की तरह, वैश्विक ड्रग व्यापार से जोड़ने की कोशिश की। यह तब हुआ जब ट्रंप ने घोषणा की कि वह कोलंबिया को दी जाने वाली सभी आर्थिक सहायता रोक देंगे, यह आरोप लगाते हुए कि पेत्रो ने ड्रग उत्पादन रोकने के लिए कुछ खास नहीं किया। पेट्रो ने अपने बचाव में कहा कि उनकी सरकार ने कोलंबिया के इतिहास में सबसे ज्यादा कोकीन जब्त की है।
इसी बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने “कार्टेल ऑफ द सन्स” को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया और मादुरो को उसका सरगना बताया, जिससे अमेरिका को वेनेज़ुएला में सैन्य कार्रवाई के लिए और कानूनी आधार मिल गया। पेट्रो का कहना है कि कोलंबिया में हुई किसी भी जांच ने मादुरो और कोलंबियाई ड्रग तस्करी के बीच कोई संबंध साबित नहीं किया है।
संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स और अपराध कार्यालय (UNODC) ने भी पुष्टि की कि वेनेज़ुएला कोकीन उत्पादन करने वाला देश नहीं है। अमेरिकी DEA की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में पकड़ी गई 84 प्रतिशत कोकीन कोलंबिया से आती है। कोलंबिया कई दशकों से अमेरिका का भरोसेमंद सुरक्षा-सहयोगी रहा है और 2022 में इसे “मुख्य गैर-NATO सहयोगी” का दर्जा दिया गया था। हालांकि, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के अनुसार, मौजूदा समस्या कोलंबियाई संस्थानों से नहीं बल्कि स्वयं राष्ट्रपति पेट्रो से है।


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