तनाव के बावजूद, मस्क ने ट्रंप की पार्टी को 15 मिलियन डॉलर चंदा दिया
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार एलन मस्क, जो खुल्लम खुल्ला ट्रंप की आलोचना करते रहे हैं, जून के आख़िरी हफ्ते में अचानक ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को तीन हिस्सों में कुल 15 मिलियन डॉलर (करीब 125 करोड़ रुपये) का चंदा दे दिया। यह क़दम सिर्फ इसलिए चौंकाने वाला नहीं था कि मस्क और ट्रंप के बीच सोशल मीडिया पर कड़ा टकराव चल रहा था, बल्कि इसलिए भी कि, मस्क ने हाल ही में अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा भी की है।
चंदा किन्हें और कितना मिला?
फेडरल इलेक्शन कमिशन (FEC) की दस्तावेज़ों के अनुसार:
मस्क ने MEGA Incorporated को 5 मिलियन डॉलर दिए — यह PAC ट्रंप की प्रेसीडेंशियल कैम्पेन से जुड़ा है।
Senate Leadership Fund को 5 मिलियन डॉलर — यह अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करता है।
Congressional Leadership Fund को 5 मिलियन डॉलर — यह हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में रिपब्लिकन के पक्ष में प्रचार करता है।
अगर ट्रंप से टकराव तो फिर चंदा क्यों?
मस्क और ट्रंप के बीच हाल के महीनों में खुला वैचारिक संघर्ष देखने को मिला। मस्क ने ट्रंप की सोशल मीडिया पॉलिसियों, अप्रवासन रुख और यहां तक कि जेफ़री एप्सटीन केस को दबाने के आरोप में ट्रंप प्रशासन की आलोचना की थी। कुछ ट्वीट्स उन्होंने डिलीट कर दिए, लेकिन जुलाई में फिर से तीखी आलोचना शुरू कर दी। इसके बावजूद, मस्क का ट्रंप से जुड़े PACs को इतना बड़ा चंदा देना कई राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान कर रहा है। एक तरफ वो ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं, दूसरी ओर उनके पीछे खड़े भी दिख रहे हैं।
राजनीतिक रणनीति या दोहरापन?
राजनीतिक विशेषज्ञ इस क़दम को मस्क की दोहरी रणनीति बता रहे हैं — एक तरफ वो अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान करके मध्यमार्गी या ‘आउटसाइडर’ छवि बना रहे हैं, वहीं रिपब्लिकन पार्टी को वित्तीय मदद देकर संभावित गठबंधन या समर्थन के रास्ते खुले रख रहे हैं। इस घटना से यह भी साफ़ होता है कि अमीर अरबपति अमेरिकी राजनीति में किस तरह बैक डोर डिप्लोमेसी के जरिए दखल देते हैं, और कैसे सार्वजनिक आलोचना सिर्फ एक दिखावा बनकर रह जाती है।
चुप्पी क्यों?
जब मीडिया ने इस दान पर प्रतिक्रिया मांगी, एलन मस्क की टीम ने कोई जवाब नहीं दिया। Congressional Leadership Fund ने टिप्पणी से साफ़ इनकार कर दिया। Senate Leadership Fund भी खामोश रहा।यह चुप्पी अपने आप में कई सवाल खड़े करती है। मस्क का यह कदम उनके “ट्रंप विरोधी” रुख को कमजोर करता है और अमेरिकी राजनीति में अमीरों की भूमिका पर फिर से बहस छेड़ता है। सवाल ये है कि क्या मस्क वाकई नई पार्टी के जरिए सिस्टम बदलना चाहते हैं, या फिर पुराने सिस्टम में रहकर अपनी ताक़त बढ़ा रहे हैं?


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