ग़ाज़ा में सहायता पहुँचाने वाले फ़्लोटिला जहाज़ पर पर फिर बमबारी

ग़ाज़ा में सहायता पहुँचाने वाले फ़्लोटिला जहाज़ पर पर फिर बमबारी 

ग़ाज़ा की घेराबंदी और मानवीय संकट को और गहराते हुए, इज़रायल ने एक बार फिर अपनी बर्बरता का सबूत पेश किया है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी फ़ार्स के अनुसार, बुधवार तड़के इज़रायली ड्रोन ने “सुमूद” नामक फ़्लोटिला जहाज़ पर हमला कर दिया, जो ग़ाज़ा पट्टी से लगभग 950 किलोमीटर दूर मानवीय सहायता लेकर जा रहा था। यह हमला न सिर्फ़ अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून का खुला उल्लंघन है, बल्कि इंसानियत और मानवाधिकारों पर सीधा हमला भी है।

संयुक्त राष्ट्र की विशेष रिपोर्टर फ्रांसेस्का अल्बानीज़ ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पुष्टि की कि सुमूद काफ़िले को बेहद कम समय में सात बार निशाना बनाया गया। यह लगातार बमबारी साबित करती है कि इज़रायल का मक़सद केवल ग़ाज़ा को भूख और मौत के हवाले करना है और उन सभी कोशिशों को नाकाम करना है जो मासूम फ़िलिस्तीनियों तक राहत पहुँचाने के लिए की जाती हैं।

रिपोर्टों के मुताबिक, जहाज़ों पर साउंड बम, विस्फोटक फ्लेयर और संदिग्ध रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया गया। रेडियो सिस्टम को जाम कर दिया गया ताकि मदद के लिए पुकारने की कोई गुंजाइश न रहे। यह एक संगठित युद्ध अपराध है, जो इज़रायल की उस पॉलिसी को उजागर करता है जिसमें वह न सिर्फ़ फ़िलिस्तीनी जनता बल्कि उनकी मदद करने वालों को भी दुश्मन समझकर निशाना बनाता है।

अल्बानीज़ ने चेतावनी दी कि “यह हमला तत्काल अंतरराष्ट्रीय ध्यान और सुरक्षा की मांग करता है।” मगर सवाल यह है कि क्या तथाकथित सभ्य दुनिया और बड़े-बड़े मानवाधिकार की बात करने वाले इस अपराध पर चुप रहेंगे? या फिर हमेशा की तरह अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी, इज़रायल की ढाल बनकर इस ख़ूनी कार्रवाई को भी “सुरक्षा का अधिकार” कहकर जस्टिफाई करेंगे?

ग़ाज़ा के लिए मदद लेकर जाने वाले जहाज़ पर हमला यह दर्शाता है कि इज़रायल अब सिर्फ़ फ़िलिस्तीन के भीतर नरसंहार से संतुष्ट नहीं है, बल्कि उसने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में भी आतंक फैलाना शुरू कर दिया है। यह हमला अंतरराष्ट्रीय समुद्री क़ानून, जिनेवा कन्वेंशन और हर उस मानक की धज्जियाँ उड़ाता है, जिस पर वैश्विक व्यवस्था खड़ी है।

आज दुनिया को यह तय करना होगा कि क्या ग़ाज़ा के मासूम बच्चों तक दवा, खाना और राहत पहुँचाने वाले जहाज़ों को निशाना बनाने वाला इज़रायल सचमुच एक “लोकतांत्रिक देश” कहलाने का हक़दार है? या यह वह एक राज्य में बदल चुका है, जिसके सामने इंसानियत की कोई क़ीमत नहीं है?

popular post

लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र में इज़रायली ड्रोन के गिरने की घटना

लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र में इज़रायली ड्रोन के गिरने की घटना लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *