रूस यूक्रेन तनाव के बीच अमेरिका ने भेजे 80 टन हथियार

रूस यूक्रेन तनाव के बीच अमेरिका ने भेजे 80 टन हथियार

रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव को और हवा देते हुए अमेरिका ने यूरोप में अपने सैनिकों की तैनाती एवं यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति तेज कर दी है। अमेरिका बार-बार कहता रहा है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है।

रूस हालाँकि अमेरिकी दावों का खंडन करते हुए इन बातों को नकारता रहा है वहीँ यूक्रेन भी अमेरिका की बयानबाजी से तंग आकर कह चुका है कि अमेरिका की बयानबाजी के कारण उसकी अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

अमेरिकी राजनयिक बार-बार रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने के उद्देश्य से कहते रहे हैं कि वह यूक्रेन के अधिकारियों एवं राष्ट्र प्रमुख से अधिक जानते हैं कि रूस किसी भी समय इस देश पर हमला कर सकता है। यूक्रेन और रूस के बीच जारी गतिरोध और तनाव को और हवा देते हुए अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई तेज़ कर दी है।

अमेरिका के दो सैन्य विमान भारी सैन्य साजो सामान के साथ यूक्रेन की राजधानी की पहुंच चुके हैं। बुधवार को अमेरिका के सैन्य विमानों में 80 टन से अधिक हथियार मौजूद थे। कहा जा रहा है कि अमेरिका अभी तक कम से कम ऐसे 10 विमान भारी हथियारों के साथ यूक्रेन भेज चुका है।

यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने अमेरिका की ओर से दो सैन्य विमानों के भारी हथियारों के साथ आने की जानकारी देते हुए ट्वीट किया कि आज बॉरिस्पिल एयरपोर्ट पर दो अमेरिकी विमानों ने लैंड किया जिसमें 80 टन से ज्यादा बारूद भरा हुआ था।

यूक्रेन के सैन्य सूत्रों के अनुसार अमेरिका यूक्रेन को हथियारों से भरे ऐसे लगभग 45 विमानों की सप्लाई करने का इरादा रखता है। याद रहे कि यूक्रेन सीमा के आसपास रूसी सेना के जमावड़े को लेकर अमेरिका और उसके यूरोपीय घटक देश चिंता जताते रहे हैं। नाटो ने अपने सहयोगी देशों से यूक्रेन के लिए सैन्य समर्थन बढ़ाने की अपील की है।

रूस और यूक्रेन के बीच अगर कोई सैन्य टकराव होता है तो इससे पश्चिम एशिया में व्यापक अस्थिरता फैलने की आशंका है। अमेरिकी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एरिका कुरिला के अनुसार यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य टकराव की स्थिति में सीरिया सहित पश्चिम एशिया में अस्थिरता फैलेगी, वहीँ ईरान भी अमेरिका और हमारे सहयोगियों के लिए क्षेत्र में प्रमुख खतरा बना हुआ है।

अमेरिकी सीनेट में पश्चिम एशिया में शीर्ष अमेरिकी कमांडर पद के लिए हो रही सुनवाई के दौरान सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सम्मुख जनरल एरिक कुरिला ने कहा कि चीन मध्य कमान क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ा रहा है और इस क्षेत्र के लिए अपने सैन्य बजट में भी बढ़ोतरी कर रहा है। इस क्षेत्र में वो देश भी आते हैं जिनकी अमेरिका को जरूरत है ताकि अफगानिस्तान में चरमपंथी गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा की जा सके।

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