तालिबान ने किया भारत का गुणगान, कहा और सहायता की जरूरत अफगानिस्तान की सत्ता से अशरफ गनी के बेदखल होने के बाद भारत ने मानवीय आधार पर पहली बार अफगानिस्तान को स्वास्थ्य सामग्री उपलब्ध कराई है।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही अफगानिस्तान में लगातार हालात खराब हो रहे हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था से जूझ रहे अफगानिस्तान को भारत सरकार ने मानवीय आधार पर स्वास्थ्य सामग्री की पहली खेप भेज दी है।
अफगान एयरलाइन काम एयर की दिल्ली से काबुल की ओर उड़ान भरने वाली फ्लाइट के माध्यम से भारत सरकार ने 1.6 मीट्रिक टन स्वास्थ्य सामग्री तालिबान शासित अफगानिस्तान रवाना की है। भारत सरकार की ओर से मिली इस मदद का स्वागत करते हुए अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए अफगानिस्तान को और अधिक मदद की आवश्यकता है।
तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में पलटने के बाद अफगानिस्तान को मिलने वाली भारत की पहली मानवीय सहायता है। अफगानिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता जावेद हजीर ने भारत की ओर स्वास्थ्य सहायता के बाद तुलु न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के माध्यम से अफगानिस्तान के जन स्वास्थ्य मंत्रालय को स्वास्थ्य सामग्री दान में दी है। हम इसकी प्रशंसा करते हैं और अन्य देशों से भी अपील करते हैं कि वह अफगानिस्तान की मदद करने के लिए आगे आएं।
अफगानिस्तान को दी गई स्वास्थ्य सामग्री के अलावा भारत सरकार अफगानिस्तान को कोरोनावायरस से निपटने के लिए पांच लाख वैक्सीन भी उपलब्ध कराएगी। भारत की ओर से मिलने वाली सहायता के बाद भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदज़ई ने ट्वीट करते हुए भारत का आभार जताया है।
उन्होंने कहा “अपने उपकार करने वालों के साथ जो साधुता बरतता है उसकी तारीफ नहीं है। महात्मा तो वह है जो अपने साथ बुराई करने वालों के साथ भी भलाई करे। इस कठिन समय में अफगानिस्तान के बच्चों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए भारत को धन्यवाद।अमर रहे भारत अफ़ग़ान मित्रता।
फरीद ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि “सभी बच्चों को एक छोटी सी मदद, एक छोटी सी आशा और उन पर कोई विश्वास करने वाला चाहिए होता है। भारत से स्वास्थ्य से जुड़ी सामग्रियों की मदद की पहली खेप आज सुबह काबुल पहुंची। १.6 मीट्रिक टन जीवन रक्षक दवाएं, इस कठिन समय में कई परिवारों की मदद करेंगी। भारत के लोगों की ओर से अफगानिस्तान को तोहफा।
भारत सरकार की ओर से हालांकि अभी सिर्फ मानवीय आधार पर अफगानिस्तान की मदद की गई है। यह तालिबान प्रशासन को मान्यता देने के अर्थ में नहीं है। भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों के माध्यम से अफगानिस्तान के विभिन्न अस्पतालों में दवा भेजेगा।
भारत सरकार इस से पहले अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील कर चुकी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान के मानव अधिकार रिकॉर्ड और सुरक्षा को लेकर अनिश्चितता पर गौर करते हुए मान्यता देने के मामले में कोई कदम उठाए।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली मानवीय सहायता पर बयान जारी करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में चुनौतीपूर्ण मानवीय स्थिति को देखते हुए आज दिल्ली से काबुल वापसी की उड़ान में भारत सरकार ने चिकित्सा आपूर्ति सहित मानवीय सहायता भेजी है। यह दवा काबुल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों को सौंपी जाएगी और इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल काबुल में इसका इस्तेमाल होगा।
मानवीय सहायता ले जाने वाले बॉक्स पर “भारत के लोगों की ओर से अफगानिस्तान के लोगों को तोहफा” के स्टीकर लगाए गए थे। भारत के अलावा अफगानिस्तान के लोगों के लिए ईरान, क़तर, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्कमेनिस्तान और पाकिस्तान जैसे देश भी सहायता सामग्री भेज चुके हैं।


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