सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट, 193 देशों के लिए वीज़ा-मुक्त
ब्रिटेन की प्रसिद्ध संस्था हेनली पासपोर्ट इंडेक्स ने 2025 के पासपोर्ट रैंकिंग जारी कर दी है, जिसके अनुसार सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बन गया है, जो 193 देशों में वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा प्रदान करता है। इस सूची में भारत को 80वें नंबर पर स्थान मिला है। भारतीय नागरिक केवल 56 देशों में वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं, और यह भी ज्यादातर छोटे-छोटे देशों तक सीमित है।
विकसित देशों ने अभी तक भारत के लिए अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव नहीं किया है। हेनली पासपोर्ट इंडेक्स द्वारा जारी की गई इस सूची में दक्षिण कोरिया और जापान संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं। यहां के नागरिकों को 190 देशों में बिना वीजा के प्रवेश की सुविधा प्राप्त है, जबकि यूरोपीय देशों जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, इटली, आयरलैंड, फिनलैंड और डेनमार्क संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं। इन देशों के नागरिकों को 187 देशों में वीजा फ्री सुविधा प्राप्त है।
संयुक्त अरब अमीरात का पासपोर्ट सबसे ज्यादा सुधार करने वाला पासपोर्ट माना गया है, जो 2015 में 32वें नंबर पर था, लेकिन ताजे रैंकिंग में आठवें नंबर पर आ गया है। इसके पासपोर्ट के साथ 184 देशों में वीजा फ्री सुविधा मिलती है। चीन ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। 2015 में वह 94वें नंबर पर था, लेकिन ताजे रैंकिंग में उसे 59वां नंबर मिला है, जिससे चीनी नागरिकों को 83 देशों में वीजा फ्री पहुंच प्राप्त होगी।
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार वेनेजुएला सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाला देश रहा है, जो 2015 में दूसरे नंबर पर था, लेकिन अब 44वें नंबर पर आ गया है। इस सूची में अमेरिका भी शामिल है, जो पहले तीसरे स्थान पर था, लेकिन अब नौवें नंबर पर आ गया है।
भारत के पड़ोसी देशों के मुकाबले म्यांमार 88वें, श्रीलंका 91वें, बांगलादेश 93वें, नेपाल 94वें और पाकिस्तान 96वें नंबर पर है। दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट की सूची में सबसे नीचे 99वें नंबर पर अफगानिस्तान है। इसके नागरिकों को केवल 25 देशों में वीजा फ्री पहुंच मिलती है, जबकि सीरिया 98वें नंबर पर और इराक 97वें नंबर पर है।