यूक्रेन संकट से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित कर रहा है इस्राईल
रूस ने इस्राईल के अतिक्रमण एवं फिलिस्तीनी जनता पर जारी अत्याचारों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस्राईल सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन करते हुए अभी भी फिलिस्तीनी भूमि का अतिक्रमण करने में लगा हुआ है।
शुक्रवार के दिन मुसलमानों की पवित्र मस्जिदे अक्सा में नमाज में पर इस्राईली सेना के बर्बर बल प्रयोग पर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फिलिस्तीनी जनता मस्जिदे अक्सा में इस्राईली सेना के गैर कानूनी प्रवेश को रोकने का प्रयास कर रहे थे।
अमेरिकी मीडिया ने इस घटना पर उसकी प्रतिक्रिया को कवरेज देते हुए कहा है कि रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस्राईल अभी फिलिस्तीन के गैरकानूनी अतिक्रमण में लगा हुआ है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन संकट पर इस्राईल की भूमिका के बारे में भी कठोर टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह यूक्रेन संकट का दुरुपयोग करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित करने में लगा हुआ है। इस्राईल अतिगृहित फिलिस्तीन में जारी हिंसक कार्रवाइयों को यूक्रेन संकट की आड़ में दबाने के प्रयास में लगा हुआ है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग से रूस को निलंबित करने के पक्ष में दिए गए इस्राईल के मत का बचाव करते हुए इस्राईल के विदेश मंत्री ने एक बयान जारी किया था जिस पर टिप्पणी करते हुए रूस ने इसे खेद जनक एवं शर्मनाक बताया है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने इस्राईल के विदेश मंत्री का बयान देखा है, हम इस्राईल के विदेश मंत्री के बयान की निंदा करते हैं, यह बेहद अफसोस जनक है। इस्राईल का यह कदम यूक्रेन संकट का दुरुपयोग करने एवं लंबी अवधि से फिलिस्तीन में जारी हिंसक कार्रवाइयों को छुपाने की एक बेहूदा कोशिश के अलावा कुछ भी नहीं है।
याद रहे कि यूक्रेन में रूस के सैन्य कार्रवाइयों के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग से रूस की सदस्यता निलंबित करने के लिए अमेरिका और पश्चिमी जगत की ओर से प्रस्ताव लाया गया था। इस्राईल ने अमेरिका की हां में हां मिलाते हुए इस प्रस्ताव का समर्थन किया और रूस के खिलाफ मतदान किया था।