उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच वार्ता दक्षिण कोरिया की सेना के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ और दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सेना के कमांडर ने रविवार को नवीनतम उत्तर कोरियाई मिसाइल प्रक्षेपण पर चर्चा की और कहा कि वे मिसाइल आंदोलनों का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार हैं।
उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण पर दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में दोनों पक्षों ने टेलीफोन पर बातचीत में पुष्टि की कि उत्तर कोरिया ने नवीनतम मिसाइल लॉन्च किया और वे एक संयुक्त रक्षा के लिए तैयार हैं। बयान के एक हिस्से में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि पार्टियां घटनाक्रम का बारीकी से पालन कर रही हैं और स्थिति में किसी भी बदलाव का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार हैं।
दक्षिण कोरियाई ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि मिसाइल को उत्तर कोरिया के जगंग प्रांत से स्थानीय समयानुसार 07:52 बजे दागा गया। मिसाइल ने 2,000 किमी की ऊंचाई पर लगभग 800 किमी की उड़ान भरी। परमाणु और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए स्वैच्छिक पड़ाव के बाद 2017 के अंत के बाद से यह प्योंगयांग का सबसे बड़ा प्रक्षेपण था।
विशेषज्ञों के मुताबिक, मिसाइल परीक्षणों में इतनी तेजी लाना उत्तर कोरिया की बाइडन प्रशासन पर दवाब बनाने की कोशिश हो सकती है। वह लंबे समय से बातचीत की प्रक्रिया दोबारा शुरू करवाना चाहता है, ताकि उसे आर्थिक प्रतिबंधों से राहत मिल सके। उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम के चलते पश्चिमी देशों ने उत्तर कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। इन प्रतिबंधों और उत्तर कोरियाई शासन की दशकों से चली आ रही अव्यवस्था के चलते देश की अर्थव्यवस्था पहले ही खराब है। कोरोना महामारी ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
बाइडन प्रशासन उत्तर कोरिया को बातचीत का प्रस्ताव दे चुका है। दिक्कत ये है कि अमेरिका किसी अग्रिम शर्त के साथ बातचीत को तैयार नहीं है। जब तक उत्तर कोरिया अपने मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक अमेरिका उस पर लगे प्रतिबंधों में छूट के लिए राजी नहीं है। उत्तर कोरिया को अपना हथियार कार्यक्रम अपने अस्तित्व की सबसे मजबूत गारंटी लगती है।
उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय चिंताओं के बावजूद उत्तर कोरिया को इस साल संयुक्त राष्ट्र के एक निरस्त्रीकरण फोरम की अध्यक्षता करने का मौका मिलेगा। संयुक्त राष्ट्र के निरस्त्रीकरण फोरम में 65 सदस्य देश हैं। यह फोरम परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण पर फोकस करता है। इसकी अध्यक्षता बारी-बारी से सदस्य देशों को मिलती है।