पीएम अगले साल लाल क़िले पर नहीं, अपने घर पर झंडा फहराएँगे: खड़गे

पीएम अगले साल लाल क़िले पर नहीं, अपने घर पर झंडा फहराएँगे: खड़गे

लाल क़िले से प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह अगले साल यानी 2024 में फिर से लाल क़िले पर झंडा फहराएँगे। इस बयान का सीधा मतलब यह है कि प्रधानमंत्री दावा कर रहे हैं कि अगला लोकसभा चुनाव वही जीतेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को लेकर पत्रकारों के इसी सवाल पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘वह अगले साल फिर झंडा फहराएँगे, अपने घर के ऊपर फहराएँगे’।

कांग्रेस अध्यक्ष की यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री मोदी के उस दावे पर आई है जिसमें उन्होंने लाल क़िले से कहा है, ‘अगली बार 15 अगस्त को, इसी लाल क़िले से मैं आपको देश की उपलब्धियाँ, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उससे हुई प्रगति, उसकी जो सफलता है, उसके गौरव गान, उससे भी अधिक आत्मविश्वास के साथ आपके सामने मैं प्रस्तुत करूँगा।’

इस बीच खड़गे ने एक वीडियो बयान जारी किया। इसमें उन्होंने पिछले प्रधानमंत्रियों के योगदान का ज़िक्र किया। अपने वीडियो संदेश में खड़गे ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना आज़ाद, राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू और बीआर आंबेडकर जैसे स्वतंत्रता सैनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हर प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति में योगदान दिया है। आज कुछ लोग यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत ने केवल पिछले कुछ वर्षों में प्रगति देखी है। खड़गे ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह और बीजेपी के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया।

खड़गे लाल क़िले पर कार्यक्रम में खड़गे शामिल नहीं हुए और समझा जाता है कि यह भी एक संदेश ही था। जब प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे वहां खाली सीटों में मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की एक कुर्सी भी थी।

खड़गे ने कहा, ‘अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ सभी प्रधानमंत्रियों ने देश के बारे में सोचा और विकास के लिए कई कदम उठाए। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज लोकतंत्र, संविधान और स्वायत्त संस्थाएँ गंभीर ख़तरे में हैं। विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए नए-नए औजारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। न केवल सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर छापे पड़ रहे हैं, बल्कि चुनाव आयोग को भी कमजोर किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles