भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के चंद्रयान मिशन की सफलता से अब पूरी दुनिया की नजरें इसरो पर हैं। इस असंभव मिशन को संभव बनाने का श्रेय जहां इसरो को दिया जा रहा है, वहीं दुनिया भर के देश इसरो की तारीफ कर रहे हैं। इस संबंध में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कई बातों पर प्रकाश डाला और बताया कि उनकी एजेंसी ने अपने मिशन को लॉन्च करने के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को क्यों चुना।
इस बीच उन्होंने यह भी बताया कि मिशन के लिए इसरो को किन समस्याओं का सामना करना पड़ा और उन्होंने इससे कैसे निपटने की कोशिश की। मिशन की सफलता के बाद, एस सोमनाथ ने पहले मीडिया को और फिर इसरो में अपने सहयोगियों को संबोधित किया, और बताया कि चंद्रयान मिशन के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को क्यों चुना गया था। उन्होंने कहा कि भारत समेत दुनिया भर के वैज्ञानिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं।
पानी, खनिज, बर्फ और अन्य महत्वपूर्ण चीजों का उल्लेख कई बार किया गया है। उन्हीं वस्तुओं का पता लगाने के लिए यह मिशन दक्षिणी ध्रुव पर भेजा गया था। उन्होंने कहा कि पहले चंद्रयान 2 इसलिए असफल हुआ क्योंकि हमने ‘हार्ड लैंडिंग’ करने की कोशिश की थी लेकिन इस बार यह सफल रहा क्योंकि हमने सॉफ्ट लैंडिंग की। चंद्रयान 2 का अनुभव काम आया। एस.सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 पर काम कर रही टीम के लिए चंद्रयान 2 का अनुभव बहुत उपयोगी रहा क्योंकि हमें समझ आया कि रॉकेट कैसे बनाना है और रोवर मशीन का काम कैसे पूरा करना है।
हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि हार्ड लैंडिंग के कारण चंद्रयान-2 के लैंडर और रोवर पूरी तरह से नष्ट हो गए। हमें वहां से कुछ नहीं मिला लेकिन हमारे अंदर पूरे मिशन को फिर से बनाने का जुनून था और अब हमारे पास काफी अनुभव था जिसका हमने तीसरे मिशन के लिए पूरा फायदा उठाया। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि उस वक्त कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई थीं, लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी।
दुनिया भर के देश तारीफ कर रहे
चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद दुनिया भर के देश इसरो की तारीफ कर रहे हैं। इसरो प्रमुख सोमनाथ ने खुद कहा कि उन्हें कई देशों के प्रमुखों, अंतरिक्ष एजेंसियों के अधिकारियों और महत्वपूर्ण हस्तियों से संदेश मिले हैं। बता दें कि इसरो की अमेरिका द्वारा भी काफी सराहना की गई है। अमेरिका ने औपचारिक बयान जारी कर कहा कि उसे इसरो की सफलता पर गर्व है और खुशी है कि वह भारत जैसे महान देश का मित्र है।
अमेरिका, सऊदी अरब, ईरान, पाकिस्तान, रूस, ब्रिटेन, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान के अलावा कई यूरोपीय देशों और अफ्रीकी देशों ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की सराहना की है। असंभव को संभव बनाने के लिए इसरो की हर तरफ़ सराहना भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के चंद्रयान मिशन की सफलता से अब पूरी दुनिया की नजरें इसरो पर हैं। इस असंभव मिशन को संभव बनाने का श्रेय जहां इसरो को दिया जा रहा है, वहीं दुनिया भर के देश इसरो की तारीफ कर रहे हैं।