हमास और जिहादे इस्लामी ने फिलिस्तीनी महिला कैदियों के अपमान की निंदा

हमास और जिहादे इस्लामी ने फिलिस्तीनी महिला कैदियों के अपमान की निंदा

हमास प्रतिरोध समूह ने एक बयान में दामून जेल प्रशासन द्वारा फिलिस्तीनी महिला कैदियों के लम्बे और पूरे कपड़े और नकाब को जब्त करने की कार्रवाई को एक खतरनाक कदम बताया और इसे फिलिस्तीनी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और यातना के तहत एक निरंतर हमला करार दिया।

फिलिस्तीनी कैदियों के क्लब ने एक बयान में कहा कि इज़रायल के दामून जेल में फिलिस्तीनी महिला कैदियों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। इजरायल ने फिलिस्तीनी महिला कैदियों से उनके लंबे कपड़े, और हिजाब छीन लिए हैं और इसके बदले में उन्हें बिना किसी हिजाब के सिर्फ एक ग्रे स्पोर्ट्स ड्रेस दी गई है।

हमास ने कहा कि ये “घृणित अपराध और जेलों में स्वतंत्र महिलाओं को निशाना बनाना सभी धार्मिक, कानूनी और मानवीय मूल्यों का उल्लंघन है और इन कार्रवाइयों पर चुप्पी साधी नहीं जा सकती। फिलिस्तीनी जनता, महिलाओं और स्वतंत्र कैदियों के खिलाफ इन हमलों का जवाब देने के लिए दृढ़ निश्चय और संकल्प रखती है।”

बयान में आगे कहा गया है कि फिलिस्तीनी महिला और पुरुष कैदियों की दुखद और भयानक स्थिति, जिन्हें इज़रायली जेलों के अंदर प्रतिदिन बर्बरतापूर्वक तलाशी के अधीन किया जाता है, और उन्हें बुनियादी आवश्यकताओं जैसे भोजन, दवा, कपड़े और पहनने के साधनों से वंचित किया जा रहा है। इसका मकसद कैदियों का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करना है और आंकड़े और घटनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं।

हमास ने आगे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनी और मानवाधिकार संगठनों, विशेषकर महिलाओं से जुड़े संस्थानों से अपील की है कि वे इज़रायली शासन पर दबाव बनाएं ताकि वे महिला कैदियों के खिलाफ इस तानाशाही व्यवहार को रोक सकें। फिलिस्तीनी इस्लामी जिहाद आंदोलन ने भी इजरायलियों द्वारा महिला कैदियों के खिलाफ इस नए अपराध की निंदा की है और इसे कैदियों के बुनियादी अधिकारों का खुला उल्लंघन और सभी मानवता तथा अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करार दिया है।

जिहाद आंदोलन ने कहा कि फिलिस्तीनी महिला कैदियों पर अनिवार्य पोशाक थोपना, उनके आत्म-सम्मान के खिलाफ एक नए आघात के रूप में मनोवैज्ञानिक युद्ध का हिस्सा है और फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ खुली जंग का प्रयास है।

इस्लामी जिहाद ने इज़रायली जेल प्रशासन के इस कृत्य को फिलिस्तीनी कैदियों के अधिकारों के खिलाफ एक निरंतर अपराध के रूप में देखा है, जिसमें उन्हें मिलने के अधिकार से वंचित करना, एकांत कारावास में रखना और मानसिक और शारीरिक यातनाएं देना शामिल है। उन्होंने सभी फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई तक कब्जाधारियों के खिलाफ प्रतिरोध को तेज करने की अपील की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles