भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की ‘निडर नेता’ की छवि बन रही , जनसभाओं का मिल रहा पूरा फायदा.
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इस समय मध्य प्रदेश में है। राहुल गांधी इस यात्रा के दौरान लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमलावर हैं. वह सार्वजनिक मुद्दों को उठा रहे हैं और निडर होकर सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। आज भी जब राहुल गांधी ने उज्जैन में जनसभा को संबोधित किया तो उन्होंने मोदी सरकार की किसान विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों पर जमकर निशाना साधा। सत्ताधारी वर्ग पर लगातार ऐसे बेखौफ हमले कर राहुल गांधी की छवि अब एक बेख़ौफ़, और निडर नेता के रूप में बन रही है. इस समय राहुल गांधी को हर वर्ग के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर जनता को संबोधित कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में यात्रा शुरू हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है, और जिस तरह से लोग बड़ी संख्या में निकल रहे हैं, वह कांग्रेस के लिए स्वागत योग्य संकेत है और भाजपा के लिए चिंता का कारण है। राहुल गांधी लगातार कांग्रेस पार्टी को मजबूती प्रदान कर रहे हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी इस यात्रा को लेकर खासा उत्साह है. इस तीर्थयात्रा का खासा असर आगामी विधानसभा चुनाव पर भी देखा जा सकता है।
राहुल गांधी ने आज भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए किसानों का जिक्र किया और कहा कि करोड़ों लोग सुबह जल्दी उठते हैं। किसान 4 बजे उठते हैं। काम करते-करते उनके हाथ फट जाते हैं, खून निकल आता है। उसका दर्द उसके हाथों में है। उनके हाथ उनकी तपस्या (संघर्ष) की निशानी हैं। उन्होंने कहा कि “भारत जोड़ो यात्रा में ” मैं सड़कों पर हजारों किसानों से हाथ मिला चुका हूं और हर किसान मुझसे पूछ रहा है, ‘राहुल जी, इस देश में हम तपस्या करते हैं, लेकिन हमें इसका फल हमें क्यों नहीं मिलता? खाद क्यों उपलब्ध नहीं है ? और जब है तो इतनी महंगी क्यों है? हमें अपनी मेहनत का उचित मूल्य क्यों नहीं मिलता?
“हम बीमा का पैसा देते हैं, तूफान आता है, हवा चलती है, खेत बर्बाद हो जाते हैं। रोना आता है, और जब हम निजी बीमा कंपनी को फोन करते हैं, तो कोई फोन नहीं उठाता। इंटरनेट पर सब कुछ उपलब्ध है, लेकिन किसान के पास जो बीमा कंपनी है उसका पता उपलब्ध नहीं है। फिर कहते हैं ‘राहुल जी पेट्रोल 60 रुपये था, आज 107 रुपये है। हमारी जेब से रोज पैसा निकलता है। हम तो सन्यासी हैं, ये सारा पैसा उन तीन-चार लोगों को क्यों दिया जा रहा है जो मोदीजी की पूजा करते हैं?’
किसानों के बाद राहुल गांधी ने युवाओं के बारे में बात की और बताया कि वे किस तरह बेरोजगारी से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन्हीं सड़कों पर युवाओं से मिलता हूं। उन्होंने पढ़ाई की, स्कूल गए,परीक्षा दी ,इतनी तपस्या करने पर पता चलता है कि व्यापमं घोटाला हुआ है, तपस्याओं की चोरी हुई है। इस देश की सरकार छोटे-छोटे तपस्वियों (विद्यार्थियों) की चोरी करती है। उनका भविष्य समाप्त हो गया है।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में छोटे उद्योगपतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि छोटा दुकानदार भी सुबह जल्दी उठ जाता है। उसके साथ दो-तीन लोग काम करते हैं। कभी किसी कर्मचारी को पैसों की जरूरत होती है तो वह उन्हें पैसे देता है। हालांकि उनके पास बड़े उद्योगपतियों जितना पैसा नहीं है।
अगर बड़े मैन्युफैक्चरर्स का ‘कैश फ्लो’ रुक गया, जैसा कि कोरोना के दौरान हुआ, तो उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। अगर उनका कैश फ्लो एक महीना, दो महीने, तीन महीने… यहां तक कि एक साल के लिए भी रुक जाए तो कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन अगर आप छोटे उद्यमियों के कैश फ्लो को 15 दिन या एक महीने के लिए रोक देते हैं तो इसका मतलब आपने उनका गला घोंट दिया है। यदि आपने दो महीने के लिए उनके नकदी प्रवाह को रोक दिया, तो आपने उन्हें मार डाला।


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