फ़िलीस्तीन के विरुद्ध अरब और संयुक्त अरब अमीरात के सेलीब्रिटी ऐक्टिव, इंटरनेशनल रिपोर्ट ने यमन की वेबसाइट अदन न्यूज़ से रिपोर्ट देते हुए फ़िलीस्तीनी प्रतिरोध दस्ते और इस्राईल के बीच चल रही झड़प का विश्लेषण किया।
इस रिपोर्ट में कहा गया कि संयुक्त अरब अमीरात ने इस जंग में सारे उसूलों को रौंद कर इंसानियत, शराफ़त और अरबी ग़ैरत के ख़िलाफ़ जाकर दुश्मन की लाइन में अपनी जगह तलाश की है, और इसी कारण संयुक्त अरब अमीरात की राजनीतिक हस्तियां पूरे अरब की सबसे अपमानित और दुत्कारी हुई बन कर उभर रही हैं, जिसमें मोहम्मद बिन ज़ाएद शैतान के नाम से मशहूर होकर सामने आया है।
अदन न्यूज़ ने आगे कहा कि अरब अमीरात के राजनेताओं ने पिछले दिनों इस्राईल के समर्थन का ऐलान किया है और फ़िलीस्तीन का वह प्रतिरोध दस्ता जो इस्राईल के हमलों का जवाब दे रहे हैं उन पर आतंकवाद का आरोप लगाया है।
इस रिपोर्ट में बिन ज़ायद के क़रीबी विवादित धर्मगुरु वसीम यूसुफ़ के ट्वीट की तरफ़ इशारा किया जिसने इस समय अरब जगत में भूचाल मचा रखा है, वसीम यूसुफ़ ने इस्राईल द्वारा गाज़ा पट्टी और फ़िलीस्तीनी जनता पर बर्बरता पूर्वक हमले को अनदेखा करते हुएफ़िलीस्तीनी प्रतिरोधी दस्ते को आतंकवादी बताते हुए इज़राइल पर हमले का आरोप लगाया।
#حماس_الإرهابية و #الإخوان_المسلمون خونة ومنهج خائن .. خانوا العرب و قاموا بالاغتيالات ضد إخوانهم العرب، نسأل الله أن يطهر الوطن العربي و #فلسطين منهم .. يتحالفون مع #إيران ضد إخوانهم العرب pic.twitter.com/u63Oi0RLzq
— Dr. Waseem Yousef (@waseem_yousef) May 14, 2021
वसीम यूसुफ़ के साथ अरब अमीरात की दूसरी बड़ी और मशहूर हस्तियां भी इस्राईल का समर्थन करते हुए और उन्हें बे गुनाह साबित करते हुए सोशल मीडिया पर ऐक्टिव हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि यह काम बिन ज़ायद के आदेश से हो रहा है।
जैसे: अरब अमीरात के लेखक साद अल-फ़ौज़ान ने अपने ट्वीट में लिखा: मैं इस्राईल का समर्थक नहीं हूं लेकिन मेरा सवाल यह है कि क्या हम अरबों ने कई सौ साल तक यहूदियों के साथ मदीना, ख़ैबर, तैमाअ में जीवन नहीं बिताया, हमने उनसे केवल सम्मान देखा है।
لست محاميا عن #إسرائيل ولكن سؤالي اليس نحن العرب عشنا مع اليهود في المدينه وخيبر و تيماء مئات السنين ولم نجد منهم غير التقدير والاحترام والسمؤل اليهودي ضرب لنا مثالا بالوفاء حتى اليوم العرب يقدرونه ويحترمونه بكلمة (اوفى من السمؤل)
— سعود الفوزان (@saudfozan1) May 12, 2021
उसने सैमुअल नामी यहूदी का हवाला देते हुए कहा कि अरब जगत में यह मुहावरा आज तक मशहूर है कि, सैमुअल से ज़्यादा और कौन वफ़ादार हो सकता है।
संयुक्त अरब अमीरात का हसन सजवानी नामी व्यापारी ने भी क़ुद्स में रहने वाले फ़िलीस्तीनियों से मस्जिदे अक़्सा छोड़ देने को कहा, और फिर उसने फ़िलीस्तीनियों पर आरोप लगाया कि फ़िलिस्तीनियों ने ही इस्राईल को भड़काया है।
दूसरी तरफ़ सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं जहां दुबई में स्थिति बुर्ज ख़लीफ़ा पर हर मुनासिबत से रौशनी होती हैं और वहां का झंडा दिखाया जाता है और उसके समर्थन का एलान किया जाता है, लेकिन इस्राईल द्वारा फ़िलीस्तीन में होने वाली हत्याओं के लिए कोई भी क़दम उठाते नहीं देखा गया है।
#برج_خليفة الذي يتفاخر به بن زايد والذباب أضاء بألوان جميع دول العالم الغربي بمناسبات مختلفة.. تشعر وكأنه مخصص لأي دولة تعمل ضد الإسلام والمسلمين فقط.. #مقاطعه_الإمارات فرض على كل مسلم وعربي وإنسان pic.twitter.com/IMAst97VpV
— الدبور صحيفة لاسعة (@Al_dabboor) May 11, 2021
फ़िलीस्तीन के स्वास्थ मंत्रालय के एलान के मुताबिक़ एक हफ़्ते में 174 लोग शहीद हुए जिसमें 47 बच्चे 29 औरतें शामिल हैं।