रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के नए वित्त मंत्री, आर्थिक संकट से निकलने का करेगें उपाए
श्रीलंका ने अप्रैल के मध्य में अपने दिवालिया होने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह इस साल अंतरराष्ट्रीय ऋण का भुगतान नहीं हो पाएग। देश ने आर्थिक मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बात शुरू की है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बुधवार को देश का नया वित्त मंत्री के तोर नियुक्त किया है । 73 साल के विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री, आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय नीति मंत्री के रूप में शपथ दिलाई है। श्रीलंका के पांच बार प्रधानमंत्री रहे वक्रमसिंघे को श्रीलंका में पैदा हुए बड़े आर्थिक संकट के कारण राजनीति और सत्ता मई उथल पुथल होने क बाद बाद 12 मई को फिर से नियुक्त किया गया था।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का स्थान लिया जिन्होंने आर्थिक संकट से निपटने के लिए एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार नियुक्त करने की और अपने भाई की योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पद से इस्तीफा दे दिया था। रानिल विक्रमसिंघे पर अब देश को सब से आर्थिक संकट से देश को निकालने की जिम्मेदारी है ।
विक्रमसिंघे के कार्यालय ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने द्वीप के अन्य देशों के साथ संबंधों को फिर से स्थापित करने की कोशिश की है। संविधान में 21 संशोधनों के मसौदे के साथ संवैधानिक सुधार के लिए कदम उठाए गए है और साथ साथ ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित की , वह अंतरिम बजट की तैयारी भी कर रहे हैं।
विक्रमसिंघे के पास 225 सदस्यीय विधानसभा में केवल अपनी एक सीट है। वह लचर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के अपने तत्काल कार्य में समर्थन के लिए अन्य राजनीतिक दलों पर निर्भर हैं। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका ने अप्रैल के मध्य में अपने दिवालिया होने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह इस साल अंतरराष्ट्रीय ऋण का भुगतान नहीं पाएगा। हम ने देश कि आर्थिक सिथि सुधरने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष मदद की बात शुरू की है। वित्त मंत्री की नियुक्ति के बाद अब अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आर्थिक मदद में तेजी आने की संभावना है।
विक्रमसिंघे ने ऐसे समय में पदभार संभाला है जब सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को ठीक से न संभालने के लिए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे।