स्पीकर पर बरसे शहबाज बोले,आप संविधान का साथ दें
ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान की सरकार गिरने के बाद शाहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री बन सकते हैं। शाहबाज शरीफ के पीएम बनने के बाद उनके भाई और पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ पाकिस्तान लौट सकते हैं।
पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली का विशेष सत्र शुरू हो चुका है। इमरान खान सरकार के खिलाफ नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ विदेशी साजिश कहे जाने पर स्पीकर पर भड़क उठे। उन्होंने स्पीकर से गुजारिश की कि आज संविधान के साथ खड़े रहें।
इसके बाद संसद में शोर-शराबे के कारण स्पीकर ने के कुछ घंटो के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी थी । आज ही अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है । अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने कानूनी विशेषज्ञों और पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ एक अहम बैठक की है। दो दिन पहले ही पाक सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने और अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली से खारिज करने के फैसले को रद्द कर दिया था और 48 घंटों के अंदर वोटिंग कराने को कहा था।
इधर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से कुछ घंटे पहले राष्ट्र के नाम एक संबोधन में प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने समर्थकों से रविवार शाम को उनके साथ सड़क पर उतरने का आह्वान किया। समर्थकों से उन्होंने कहा कि नयी आयातित सरकार के सत्ता में आने पर वे रविवार को देशभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करें।
नेशनल असेंबली में खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन में कोई चमत्कार होने की उम्मीद नहीं है। खान ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष के विवादित फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त किये जाने को लेकर भी निराशा व्यक्त की।
माना जा रहा है कि इमरान खान की सरकार गिरने के बाद पीएमएल के नेता शाहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री बन सकते हैं। शाहबाज शरीफ के पीएम बनने के बाद उनके भाई और पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ अपने वतन पाकिस्तान लौट सकते हैं पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।
प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है। हालांकि उन्होंने इससे अधिक संख्या का पहले ही समर्थन दिखा दिया है अब इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो सकते हैं जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा।