मैं शक्तिहीन सरकार से क्या बात करूं: इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख, इमरान खान, ने एक बार फिर से देश की मौजूदा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, इमरान खान ने यह बयान दिया कि वह एक “शक्तिहीन सरकार” से वार्ता करने का कोई औचित्य नहीं देखते हैं। उनका यह बयान उस समय आया है जब देश राजनीतिक संकट और आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहा है।
मौजूदा सरकार पर आरोप
इमरान खान ने मौजूदा सरकार को देश की समस्याओं का मुख्य कारण बताया। उनका कहना है कि सरकार न केवल कमजोर है बल्कि भ्रष्टाचार में भी लिप्त है। इमरान खान ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार के पास देश को दिशा देने की कोई स्पष्ट योजना नहीं है और वह केवल सत्ता में बने रहने के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जनता के विश्वास को खो चुकी है और उसकी नीतियां विफल हो चुकी हैं।
न्यायिक स्वतंत्रता पर सवाल
इमरान खान ने न्यायिक प्रणाली की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका पर दबाव डाला जा रहा है और न्यायिक स्वतंत्रता को खतरे में डाला जा रहा है। उनके अनुसार, यह सरकार की नीतियों और कार्यशैली का परिणाम है कि न्यायिक प्रणाली पर से जनता का विश्वास उठता जा रहा है।
राजनीतिक समाधान की आवश्यकता
इमरान खान ने इस बात पर जोर दिया कि देश को वर्तमान संकट से बाहर निकालने के लिए एक मजबूत और स्थिर सरकार की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा राजनीतिक ढांचे में सुधार की सख्त जरूरत है। उन्होंने मांग की कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं ताकि जनता अपनी सही प्रतिनिधि चुन सके।
हमारे पास जनता का अपार समर्थन है
इमरान खान ने दावा किया कि उनके पास जनता का अपार समर्थन है और वह इस समर्थन के बल पर एक बार फिर सत्ता में आ सकते हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से आह्वान किया कि वे सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं। इमरान खान का यह बयान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम है और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। अब देखना होगा कि सरकार और विपक्ष इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति किस दिशा में जाती है।