पाकिस्तान में वायुसेना एयरबेस पर आतंकी हमला, तीन आतंकवादी मारे गए
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के मियांवाली एयरबेस (वायुसेना प्रशिक्षण अड्डा) पर नौ आतंकवादियों ने शनिवार सुबह हमला किया। पाक सेना ने एक बयान में कहा कि बेस में प्रवेश करने से पहले ही तीन आतंकवादियों को मार दिया गया था जबकि अन्य 6 को घेर कर मार गिराया। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारी हथियारों से लैस हमलावरों ने तड़के हमला किया था। गोलियों की आवाज़ सुनते ही पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की।
पाकिस्तान सेना ने एक बयान में कहा कि “04 नवंबर, 2023 को सुबह पाकिस्तान वायु सेना का मियांवाली ट्रेनिंग एयर बेस एक असफल आतंकवादी हमले की चपेट में आ गया। सैनिकों ने इस हमले को नाकाम कर दिया। कर्मियों और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। सेना ने कहा कि असाधारण साहस और समय पर जवाब देते हुए, तीन आतंकवादियों को बेस में प्रवेश करने से पहले ही मार गिराया गया, जबकि शेष 3 आतंकवादियों को सैनिकों द्वारा घेर लिया गया।
पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा, “क्षेत्र को पूरी तरह से खाली कराने के लिए एक व्यापक संयुक्त और तलाशी अभियान अंतिम चरण में है।” हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने ली है। सोशल मीडिया पर इस संबंध में काफी वीडियो आ रहे हैं। लेकिन उनकी पुष्टि नहीं की जा सकती।
डॉन के इनपुट्स के मुताबिक़, सिर्फ 3 नवंबर को बलूचिस्तान और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में हुए अलग-अलग हमलों में कुल 17 सैनिकों की जान चली गई। ग्वादर में भी आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों की दो गाड़ियों पर हमला किया और इसमें सेना के 14 जवानों की जान चली गई। इन हमलों से इतर डेरा इस्माइल ख़ाल में भी एक बम धमाके में 5 लोग मारे गए और 24 घायल हो गए।
तहरीक-ए-जिहाद एक आतंकी संगठन है, जिसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है. तहरीक-ए-जिहाद पहले चमन, बोलान, स्वात के क्षेत्र कबल और लकी मरूत में हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये संगठन कई हमलों में शामिल नहीं था मगर हमले की जिम्मेदारी ले ली।
एमएम आलम एयरबेस मियावली, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। यह पाकिस्तानी एयरफोर्स के नॉर्दर्न एयर कमांड के अंतर्गत आता है। मियांवाली में द्वितीय विश्व युद्ध की एक एयरस्ट्रिप थी लेकिन 1965 भारत-पाक युद्ध के समय इसे एक सैटेलाइट एयरबेस के रूप में अपग्रेड किया गया था। 1971 भारत-पाक युद्ध के वक्त इस एयरबेस को पूरी तरह से ऑपरेशनल किया गया था।