इस्लामाबाद में पीटीआई के विरोध प्रदर्शन से लॉकडाउन जैसी स्थिति

इस्लामाबाद में पीटीआई के विरोध प्रदर्शन से लॉकडाउन जैसी स्थिति

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान के समर्थकों को इस्लामाबाद की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पाकिस्तान की राजधानी को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। इमरान खान की रिहाई के लिए देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है।

इमरान खान ने अपनी पार्टी पीटीआई के नेताओं के बयानों और चेतावनियों के बीच रविवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए “अंतिम आह्वान” जारी किया। उन्होंने दावा किया कि वे देश के सभी हिस्सों से रैलियों का नेतृत्व करेंगे और राजधानी इस्लामाबाद की ओर मार्च करेंगे, जब तक कि उन्हें रिहा नहीं किया जाता।

पीटीआई समर्थकों का यह भी कहना है कि उन्हें हालिया आम चुनाव में मिला जनादेश सौंपा जाना चाहिए, जिसे इस्लामाबाद और पंजाब की सरकारों ने बाधित किया है। इससे इस्लामाबाद या पंजाब में पीटीआई के कार्यकर्ताओं के लिए कहीं भी इकट्ठा होने का कोई स्थान नहीं बचा है। यह विरोध केवल खैबर पख्तूनख्वा (केपी) तक सीमित रह गया है, जहां पार्टी सत्ता में है।

देश के विभिन्न हिस्सों से इस्लामाबाद की ओर होने वाली रैलियां रविवार को होने वाली थीं, लेकिन यह अब सोमवार (25 नवंबर) तक बढ़ गई हैं। केपी की राजधानी पेशावर से निकलने वाली पीटीआई रैली अब तक इस्लामाबाद नहीं पहुंच पाई है। रैली रविवार रात को स्वाबी में रुकी और सोमवार सुबह फिर से संगठित होकर इस्लामाबाद के लिए मार्च करेगी।

पीटीआई का दावा है कि सरकार ने उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके रैली को रोकने की कोशिश की है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि सुरक्षा बलों ने उनके समर्थकों को इस्लामाबाद और पंजाब के कुछ हिस्सों में तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

पीटीआई के आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट की एक पोस्ट में कहा गया, “नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता उमर अयूब के काफिले पर टैक्सिला के पास हमला किया गया और उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए।”

एक अन्य पोस्ट में पीटीआई नेता शेर अफजल मरवत ने कहा कि दाऊद खैल में उनके भाई के काफिले को रोका गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा, “हम हर हाल में डी-चौक पहुंचेंगे।” दूसरी ओर, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने पीटीआई नेताओं और प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि जो भी सुरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश करेगा, उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “हमारे पास दो विकल्प हैं। पहला, उन्हें आने दें और इस्लामाबाद को ठप कर दें। दूसरा, इस्लामाबाद की सुरक्षा सुनिश्चित करें। पीटीआई ने जिस स्थान को प्रदर्शन स्थल चुना है, वह एक सुरक्षित क्षेत्र है। वहां कोई भी प्रदर्शनकारी घुसा तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”

गृह मंत्री ने कहा कि पीटीआई के पिछले विरोध प्रदर्शन में गिरफ्तार किए गए 100 लोगों में से कम से कम 33 अफगान नागरिक थे। पिछले दो दिनों में कई अन्य विदेशी नागरिकों के बारे में जानकारी सामने आई है, जिससे पीटीआई के इरादों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

उन्होंने पूछा, “क्या पीटीआई के प्रदर्शन में पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं, या इसे विदेशी लोग चला रहे हैं?” उन्होंने आगे कहा कि पीटीआई के प्रदर्शन देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं और नागरिकों के लिए भारी परेशानियां पैदा कर रहे हैं।

पीटीआई के “अंतिम आह्वान” को न तो सरकार और न ही अदालत की मंजूरी मिली है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पहले ही कहा है कि पीटीआई को इस्लामाबाद में प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है और उनके पास एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) भी नहीं है। सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी को भी राजधानी में अशांति और अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पीटीआई समर्थकों को सुरक्षा बलों से टकराव से बचने की सलाह दी गई है।

इस्लामाबाद और पंजाब में सभी मोटरवे बंद कर दिए गए हैं, मोबाइल सेवाएं निलंबित हैं, और 37 से अधिक स्थानों पर रास्ते बंद हैं। धारा 144 लागू कर दी गई है। राजधानी में किसी भी प्रदर्शन की अनुमति नहीं है और भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। रविवार को पंजाब और इस्लामाबाद में पीटीआई समर्थक कहीं भी दिखाई नहीं दिए। हालांकि, पीटीआई शासित खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर में हजारों समर्थक इकट्ठा हुए और इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे हैं।

इस रैली का नेतृत्व केपी के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री गंडापुर ने कहा कि यह रैली हर हाल में डी-चौक पहुंचेगी। उन्होंने जोर देकर कहा, “जब तक इमरान खान को रिहा नहीं किया जाएगा, हम इस्लामाबाद से नहीं हटेंगे।”

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