पाकिस्तान, टीएलपी ने मचाया हंगामा, सरकार ने घोषित किया आतंकी संगठन

पाकिस्तान टीएलपी ने मचाया हंगामा, सरकार ने घोषित किया आतंकी संगठन इस्लामाबाद और लाहौर समेत पाकिस्तान के कई शहरों में रैली निकाल रहे तहरीके लब्बैक पार्टी को इमरान खान सरकार ने आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है।

पाकिस्तान से फ्रांस के राजदूत को निकालने की मांग लेकर साल भर से अधिक समय से सरकार के साथ गतिरोध जारी है। तहरीके लब्बेक पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेता समेत चार अन्य लोगों की मांग को लेकर टीएलपी ने इस्लामाबाद में मार्च शुरू कर दिया है।

टीएलपी के कार्यकर्ता इस्लामाबाद से सिर्फ 14 किलोमीटर दूर मुरीद कैंप तक पहुंच चुके हैं। सरकार ने इस्लामाबाद को चारों तरफ से सील कर दिया है। 3 शहरों में इंटरनेट सेवा को पर भी रोक लगा दी गई है।

गुजरांवाला में बुधवार को हुई हिंसा में चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जबकि 250 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। टीएलपी ने साफ शब्दों में धमकी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने पुलिस या सुरक्षाबलों के माध्यम से उन्हें रोकने की कोशिश की तो बड़े पैमाने पर हिंसा फैल सकती है और इसकी जिम्मेदारी सरकार के सर होगी।

टीएलपी की मुख्य मांगों में 6 महीने से जेल में बंद अपने मुख्य नेता साद रिज़वी की रिहाई है जिसे सरकार ने स्वीकार भी कर लिया है।

सरकार ने कहा है कि टीएलपी के प्रमुख समेत अन्य नेताओं को भी रिहा कर दिया जाएगा तथा साथ ही तहरीके लब्बैक पर लगाई गई पाबंदी हटा ली जाएगी लेकिन टीएलपी अपनी मुख्य मांग पर अड़ी हुई है और वह है देश से फ्रांस के राजदूत को निकालना, जिसके लिए इमरान सरकार तैयार नहीं दिख रही है।

इमरान सरकार का कहना है कि अगर वह फ्रांस के राजदूत को निकालने का निर्णय लेते हैं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। यूरोपीय यूनियन पाकिस्तान के खिलाफ हो जाएगा तथा देश का स्टेटस खत्म हो जाएगा और पाकिस्तानियों का यूरोप जाना खतरे में पड़ जाएगा। दूसरी तरफ टीएलपी झुकने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि पैगंबर मोहम्मद साहब के अपमान के मामले में फ्रांस के राजदूत को देश से निकाला ही जाना चाहिए।

याद रहे कि टीएलपी की स्थापना 2017 में खादिम हुसैन रिज़वी ने की थी। लाहौर की एक मस्जिद के मौलवी खादिम हुसैन पंजाब प्रांत में बेहद प्रभावशाली थे। 2011 में पंजाब पुलिस के गार्ड मुमताज कादरी ने जब पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या की तो उन्होंने खुलकर कादरी का समर्थन किया था जिसके बाद खादिम हुसैन को सरकारी नौकरी से निकाल दिया गया था।

2016 में कादरी को सजा सुनाई गई तो टीएलपी ने ईशनिंदा और पैगंबर साहब के सम्मान की दुहाई देकर देश भर में जमकर हंगामा मचाया था। खादिम रिजवी ने पैगंबर मोहम्मद साहब के अपमान पर फ्रांस को एटम बम से उड़ाने की खुलकर बातें कही थी। पिछले साल अक्टूबर में खादिम की मौत के बाद टीएलपी की कमान उनके बेटे साद रिज़वी के हाथों में है।

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