जैश अल-अदल के ठिकानों पर हमले के बाद पाकिस्तान ने तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुलाया
ईरान द्वारा पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच तनाव देखने को मिल रहे हैं। पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ईरान द्वारा पाकिस्तान की संप्रभुता पर अकारण हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का उल्लंघन है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बुधवार को कहा कि उसने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है। यह फैसला ईरान के पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन के बाद लिया गया है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच चल रही या योजनाबद्ध सभी उच्च स्तरीय यात्राओं को भी निलंबित कर दिया गया है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के हमले में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। यह हमला पिछले महीने दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में एक ईरानी पुलिस स्टेशन पर हुए घातक हमले के मद्देनजर हुआ है। उस हमले में कम से कम 11 ईरानी पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी। ईरानी आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने जैश अल-अदल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने पाकिस्तान की ओर से पंजगुर के पास से हमला किया था, जो ईरान की हालिया सैन्य कार्रवाइयों के पीछे एक संभावित मंसूबे का संकेत देता है।
पाकिस्तान ने एक बयान में कहा, ”पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि आतंकवाद क्षेत्र के सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है जिसके लिए समन्वित कार्रवाई की जरूरत है। इस तरह की एकतरफा कार्रवाई अच्छे पड़ोसी संबंधों के अनुरूप नहीं हैं और द्विपक्षीय विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर कर सकती है।
एएफपी के मुताबिक, हमले से कुछ घंटे पहले, कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवारुल हक काकर ने स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच के मौके पर ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मुलाकात की थी। ईरान ने तत्काल कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, लेकिन उसकी राज्य संचालित नूर समाचार एजेंसी ने कहा कि हमले ने जैश अल-अदल के पाकिस्तान मुख्यालय को नष्ट कर दिया।
जैश अल-अदल की स्थापना 2012 में हुई थी। ईरान ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है। जैश अल-अदल एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान से संचालित होता है। पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं।
दिसंबर में इस आतंकी संगठन ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 11 पुलिसवालों ने जानें गंवा दी थीं। सिस्तान-बलूचिस्तान की सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती है। इस इलाके में ईरान के सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के साथ-साथ ड्रग तस्करों के बीच संघर्ष होता रहा है।