पाकिस्तान , कैबिनेट गठन के बाद सामने आए मतभेद

पाकिस्तान , कैबिनेट गठन के बाद सामने आए मतभेद

पाकिस्तान में चले राजनैतिक ड्रामा के बाद इमरान खान की सत्ता से विदाई और शाहबाज़ शरीफ के नेतृत्व में संयुक्त विपक्ष की सरकार के कैबिनेट गठन के बाद एक बार फिर देश में राजनैतिक अस्थिरता की दशा बन रही है।

शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के रूप में अपनी 34 सदस्यीय कैबिनेट का गठन कर लिया है। उनकी कैबिनेट के गठन के एक दिन बाद ही सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) और गठबंधन के सहयोगी दलों में प्रमुख विभागों के बंटवारे को लेकर मतभेद पैदा हो गया है।

शाहबाज़ शरीफ ने अपने कैबिनेट में 34 सदस्यों को जगह दी है लेकिन पद और गोपनीयता की शपथ 33 सदस्यों ने ही ली है। पाकिस्तानी समचार पत्र डान के अनुसार कैबिनेट डिवीजन की तरफ से जारी अधिसूचना में 26 संघीय मंत्री व दो राज्यमंत्रियों के ही नाम हैं। शाहबाज़ शरीफ की कैबिनेट में शामिल पीएमएल-एन के कई मंत्रियों को फिलहाल विचाराधीन रखा गया है।

शहबाज़ शरीफ ने कहा था कि कैबिनेट के गठन में नवाज़ शरीफ और सहयोगी दलों से विचार विमर्श किया गया है लेकिन गठबंधन के दो प्रमुख दलों पीएमएल-एन व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच कैबिनेट के लिए सदस्यों के चयन व विभागों के बंटवारे को लेकर मतभेद है।

शाहबाज़ शरीफ के कैबिनेट में शामिल अधिकांश सदस्यों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है जिस पर इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई ने निशाना साधते हुए कहा है कि अधिकांश नए मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और वह जमानत पर हैं। इमरान सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने तंज कसते हुए कहा, ‘शहबाज व उनकी कैबिनेट के 24 सदस्य किसी न किसी मामले में आरोपित हैं। सीनेट अध्यक्ष की जगह अगर जेल महानिरीक्षक कैबिनेट को शपथ दिलाते तो दुनिया को स्पष्ट संदेश जाता।’

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