इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव डिप्‍टी स्‍पीकर ने किया खारिज

इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव डिप्‍टी स्‍पीकर ने किया खारिज

नेशनल असेंबली के डिप्‍टी स्‍पीकर ने विपक्ष द्वारा इमरान खान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया है । स्‍पीकर ने इसके लिए अनुच्‍छेद 5 का हवाला दिया है। इसको लेकर असेंबली में जबरदस्‍त हंगामा हो रहा है।

इमरान खान सरकार के खिलाफ लाए गए विपक्ष के अव‍िश्‍वास प्रस्‍ताव को नेशनल असेंबली के डिप्‍टी स्‍पीकर ने खारिज कर दिया है। इसके लिए उन्‍होंने संविधान के अनुच्‍छेद 5 का हवाला दिया है। बता दें कि पाकिस्‍तान के संविधान के अनुच्‍छेद 5 के मुताबिक यदि नेशनल असेंबली में लाए प्रस्‍ताव की अवधि तय समय से अधिक हो जाती है तो उसको खारिज करने का विकल्‍प स्‍पीकर के पास होता है। हालांकि इसको लेकर पहले से ही अलग-अलग तरीके के क़यास लगाए जा रहे थे।

स्‍पीकर के इस फैसले के बाद इमरान खान को राहत की साँस मिली और इमरान खान ने इस फैसले पर खुशी जताई है। उन्‍होंने कहा है कि वो देश की आवाम का धन्‍यवाद देते हैं। उन्‍होंने ये भी कहा है कि ये अविश्‍वास प्रस्‍ताव विदेशी ताकतों की साजिश पर लाया गया था। पाकिस्‍तान की आवाम को तय करना चाहिए कि देश में कौन हुकूमत करेगा।

बताते दें कि विपक्ष ने पहले से ही इस बात की आशंका जता दी थी कि सरकार की तरफ से ऐसा भी किया जा सकता है। 25 मार्च को जब ये प्रस्‍ताव लाया गया था तब भी इसको लेकर विपक्ष ने अपनी आशंका जगजाहिर की थी। डिप्‍टी स्‍पीकर के प्रस्‍ताव को खारिज करने के बाद असेंबली में जबरदस्‍त हंगामा चल रहा है। खबरों की मानें तो सरकार के पास जहां 144 सदस्‍यों का समर्थन हासिल था वहीं विपक्ष के पास 199 सीटों का समर्थन हासिल था। इसको देखते हुए वोटिंग होने पर परिणाम पूरी तरह से एकतरफा ही था।

नेशनल असेंबली में आज अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर वोटिंग होने की उम्‍मीद थी। असेंबली की कार्यवाही सुबह 11:30 बजे शुरू हुई थी। इमरान खान ने अपने सभी सांसदों और सरकार समर्थित सांसदों को वोटिंग के दौरान नेशनल असेंबली में मौजूद रहने को कहा था। हालांकि माना जा रहा था कि इमरान अपनी कुर्सी को नहीं बचा सकेंगे।
बता दें कि इससे पहले बेनेजीर भुट्टो और शौकत अजीज भी इस तरह के अविश्‍वास प्रस्‍ताव का सामना कर चुके हैं। विपक्ष ने आज ही नेशनल असेंबली के स्‍पीकर के खिलाफ भी अविश्‍वास प्रस्‍ताव असेंबली के सचिव को दिया है। खबर के मुताबिक इस पर सौ से अधिक सांसदों के हस्‍ताक्षर हैं।

 

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