तालिबान में खूनी संघर्ष, सुप्रीम लीडर को मारा, मुल्ला बरादर बंदी अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान गुटों में आपस में खूनी संघर्ष छिड़ गया है ।
तालिबान में छिड़े खूनी संघर्ष में तालिबान ने अपने ही सुप्रीम लीडर हैबतुल्लाह आखुंदज़ादेह की हत्या कर दी है जबकि नव गठित अंतरिम सरकार के उप प्रधानमंत्री मुल्ला ग़नी बरादर को बंदी बना लिया गया है।
एक ब्रिटिश मैगजीन ने दावा करते हुए कहा है कि तालिबान के अंदर ख़ूनी खेल शुरू हो गया है। तालिबान के एक धड़े ने इस संकट के बीच तालिबान के सर्वेसर्वा हैबतुल्लाह आखुंदज़ादेह को मार दिया है जबकि उप प्रधानमंत्री चुने गए मुल्ला बरादर को बंदी बनाकर रखा गया है।
कहा जा रहा है कि हक्कानी नेटवर्क के साथ हुए संघर्ष में सबसे अधिक नुकसान मुल्ला बरादर को उठाना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में आईएसआई के चीफ की मौजूदगी में तालिबान की मीटिंग हुई जिसमें सरकार गठन को लेकर तालिबान के दो गुटों में जमकर झड़प हुई।
बैठक के दौरान हक़्क़ानी नेटवर्क के नेता खलीलुर रहमान ने अपनी कुर्सी से उठकर मुल्ला गनी पर मुक्के बरसाने शुरू कर दिए। मुल्ला बरादर का कहना था कि अफगानिस्तान की सरकार अधिक समावेशी होनी चाहिए ताकि देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों का प्रतिनिधित्व कर सके।
वह तालिबान कैबिनेट में ग़ैर तालिबानी अल्पसंख्यकों को भी जगह देने का दबाव बना रहा था जबकि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का तैयार किया हुआ हक़्क़ानी नेटवर्क इसके विरुद्ध था और सरकार में अपने खास लोगों को रखना चाहता था।
इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में हुई बहस गंभीर हो गई और खलील हक्कानी ने कुर्सी से उठकर मुल्ला पर हमला कर दिया। कहा जा रहा है कि इस झड़प के बाद मुल्ला बरादर काबुल छोड़कर कंधार चला गया है जहां उसने आदिवासी नेताओं से मुलाकात कर उनका समर्थन जुटाना शुरू किया। कहा जा रहा है कि तालिबान के सुप्रीम माने जाने वाले मुल्ला हैबतुल्लाह आखुंदज़ादेह से मुलाकात कर हक़्क़ानी की शिकायत भी की थी।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद हक्कानी नेटवर्क ने मुल्ला गनी बरादर को बंदी बनाकर एक वीडियो जारी कराया है। ब्रिटिश मागज़ीने के अनुसार इस वीडियो से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि गनी ब्रदर को बंधक बनाया गया है।
हैबतुल्लाह आखुंदज़ादेह के बारे में कहा जा रहा है कि उसे भी मार दिया गया है। अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है कि वह है कहां इसलिए मीडिया में उसकी मौत की अफवाहें जारी है। तालिबान में से पहले सत्ता को लेकर ऐसा संघर्ष नहीं देखा गया था।
तालिबान और हक्कानी नेटवर्क का विलय 2016 में हुआ था। तालिबान में दोनों धड़ों में एक का मुख्यालय दोहा में है जिसमें तालिबान के संस्थापक सदस्य शामिल हैं जिसका नेतृत्व मुल्ला बरादर करता है। जबकि दूसरा गुट हक़्क़ानी नेटवर्क का है जिसका नेता सिराजुद्दीन हक्कानी है और इसमें आईएसआई खास लोग शामिल हैं।