नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने संसद में गंवाया विश्वास मत, ओली बन सकते हैं नए प्रधानमंत्री
काठमांडू – नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ ने संसद में विश्वास मत खो दिया है, जिससे उनकी सरकार का पतन हो गया है। यह घटनाक्रम नेपाल की राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत है। संसद में हुए इस महत्वपूर्ण मतदान में प्रचंड के खिलाफ अधिकांश सांसदों ने वोट किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उनकी सरकार को संसद का समर्थन नहीं मिल रहा है। प्रचंड को इस मतदान में 275 में से केवल 136 वोट मिले, जबकि 139 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट डाला।
प्रचंड की सरकार के गिरने के बाद अब नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बन गया है। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है। ओली, जो कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) के प्रमुख हैं, ने पहले ही अपनी पार्टी के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। ओली के नेतृत्व में एक नई सरकार बनने की संभावना ने नेपाल की राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी है।
इस घटनाक्रम का कारण प्रचंड की सरकार की नीतियों और कार्यशैली को लेकर उठे सवाल बताए जा रहे हैं। विपक्षी दलों ने उनके नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि प्रचंड सरकार देश की समस्याओं का समाधान करने में विफल रही है। इसके साथ ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई है। आर्थिक संकट, बेरोजगारी, और कोविड-19 महामारी से निपटने में सरकार की नाकामी को भी विपक्ष ने प्रमुख मुद्दा बनाया है।
प्रचंड की सरकार का पतन नेपाल की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है। यदि ओली प्रधानमंत्री बनते हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस प्रकार से सरकार चलाते हैं और देश की समस्याओं का समाधान करने में सफल होते हैं या नहीं। ओली ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे देश में स्थिरता और विकास के लिए कड़े कदम उठाएंगे।