बांग्लादेश: छात्र नेताओं ने देशव्यापी सिविल अवज्ञा अभियान के लिए रैली निकाली

बांग्लादेश: छात्र नेताओं ने देशव्यापी सिविल अवज्ञा अभियान के लिए रैली निकाली

ढाका: बांग्लादेश में छात्र नेताओं ने देशव्यापी सिविल अवज्ञा अभियान के लिए एक विशाल रैली आयोजित की है। यह प्रदर्शन सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष और विरोध के कारण हुआ है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने दमनकारी उपाय अपनाए हैं और वह एक तानाशाह के रूप में कार्य कर रही हैं।

प्रदर्शनों का कारण और पृष्ठभूमि
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ प्रदर्शनों को एक महीना पूरा हो चुका है। इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और टकराव की घटनाएं हुई हैं, जिनमें अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। यह प्रदर्शन जुलाई में तब शुरू हुआ जब उच्च न्यायालय ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में कोटा की योजना को बहाल किया। बाद में बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले को रद्द कर दिया, जिससे जनता में असंतोष और बढ़ गया।

देशव्यापी सिविल अवज्ञा अभियान की घोषणा
शुक्रवार की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और छात्र नेताओं ने सरकार से और अधिक रियायतें मांगी। “स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन” नामक समूह, जो प्रारंभिक प्रदर्शनों के आयोजन के लिए जिम्मेदार है, ने देशवासियों से अपील की है कि वे रविवार से व्यापक असहयोग आंदोलन की शुरुआत करें। समूह के प्रमुख नेता आसिफ मोहम्मद ने एएफपी समाचार एजेंसी को बताया कि इस आंदोलन में टैक्स न देना, यूटिलिटी बिल्स का भुगतान न करना, सरकारी अधिकारियों के माध्यम से प्रदर्शन और बैंकों के माध्यम से विदेशी धन हस्तांतरण की अदायगी शामिल है।

आंदोलन की योजनाएँ और संदेश
आसिफ मोहम्मद के साथी छात्रों का कहना है कि वे आज देशव्यापी रैलियां निकालेंगे। मोहम्मद ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया है, “अपने घर पर न रहें, अपने निकटतम प्रदर्शन में शामिल होने का प्रयास करें।” छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से पिछले महीने की हिंसा के लिए सार्वजनिक माफी की मांग की है।

प्रधानमंत्री शेख हसीना पर आरोप
भीड़ ने सड़कों पर शेख हसीना के इस्तीफे की मांग के नारे भी लगाए। शेख हसीना पिछले 15 वर्षों से मुस्लिम बहुल देश बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के रूप में सेवाएं दे रही हैं। अधिकार समूहों ने उनकी सरकार पर अपनी ताकत बनाए रखने के लिए राज्य संस्थानों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। बांग्लादेश में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। देश में 18 मिलियन युवा बेरोजगार हैं और बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ रही है। इस स्थिति ने युवाओं में निराशा और असंतोष को और बढ़ा दिया है, जो इन प्रदर्शनों का एक प्रमुख कारण है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। मानवाधिकार संगठनों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करें और हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाएं। बांग्लादेश में यह स्थिति स्पष्ट रूप से दिखाती है कि सरकार और नागरिकों के बीच तनाव बढ़ रहा है, और समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

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