बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने पर कांग्रेस ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना
केंद्र सरकार की तरफ से सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के बाद एक बार फिर मोदी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के “एकतरफा” फैसले पर केंद्र की आलोचना की.
साथ ही उन्होंने दावा किया है कि यह कदम इस साल गुजरात में अडाणी द्वारा संचालित मुंद्रा पोर्ट के जरिये हेरोइन की आवाजाही से ध्यान हटाने की कोशिश है.
सुरजेवाला ने गृह मंत्री अमित शाह के ‘क्रोनोलॉजी समझिए’ वाली टिप्पणी से प्रेरित होकर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र वाले फैसले को जून में मुंद्रा बंदरगाह के जरिये गुजरे 25,000 किलोग्राम के शिपमेंट और 20,000 करोड़ रुपये के 3 हजार किलो के शिपमेंट से जोड़ा है.
कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में लिखा, “द क्रोनोलॉजी…
– 9 जून 2021 को गुजरात के अडाणी पोर्ट के जरिये 25,000 किलो हेरोइन आई.
– गुजरात के अडाणी पोर्ट में 13 सितंबर 2021 को 3,000 किलो हेरोइन पकड़ी गई.
– 3,000 kg of heroin caught at Adani Port, Gujarat on 13/9/2021.
– पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र एकतरफा 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी किया गया.
The Chronology-
• 25,000 Kgs of Heroin Drugs came through Adani Port, Gujarat on 9/6/2021.
• 3,000 Kgs of Heroin Drugs caught at Adani Port, Gujarat on 13/9/2021.
• BSF jurisdiction unilaterally increased from 15 Kms to 50 Kms in Punjab.
Federalism Dead, Conspiracy Clear.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 14, 2021
बता दें कि, केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है. वहीं, पाकिस्तान की सीमा से लगते गुजरात के क्षेत्रों में यह दायरा 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है.
सुरजेवाला से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी केंद्र के इस फैसले का विरोध करते हुए वापस लेने की मांग की थी. चिन्नी ने कहा, “मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघीय ढांचे पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं.”