सीएए प्रदर्शन में बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग, ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है #AntiCAAProtestersKoRihaKaro

मोदी सरकार द्वारा लाये गए नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करने के आरोप में गिरफ्तार किये गए सैंकड़ों कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग को लेकर देश भर सैंकड़ों बार आवाज़ उठती रही है लेकिन केंद्र एवं संबंधित राज्य सरकार की ओर से हर बार समाज की मांग और आवाज़ को अनसुना कर दिया जाता है।

सीएए प्रदर्शन में भगा ले रहे लोगों को बेगुनाह बंदी बनाने और उनका दमन करने के आरोप सरकार और पुलिस प्रशासन पर लगते रहे हैं। एक बार फिर सोशल मीडिया पर सीएए प्रदर्शन के नाम पर बंदी बनाये लोगों की रिहायी को लेकर ट्रेंड चलाया जा रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ताओं और सीएए प्रदर्शन के नाम पर बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग करते हुए यूजर हिना साहेबा ने साल 2020 की अहम् घटनाओं का साल बताते हुए कहा कि
2020
वो साल जिसने तमाम ताक़त मुट्ठी भर लोगों के हाथों में सौंप दी
वो साल जब ज़ुल्म को आम कर दिया गया,
वो साल जब न्याय संख्या बल का मोहताज हो गया,
वो साल जुल्म और ज्यादती के साथ साथ #CAA और #किसान_आंदोलन के लिए भी याद रखा जाएगा.

वहीं यासिर तुराबी ने विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए यूपी सरकार और पुलिस के दमन का उल्लेख करते हुए कहा कि
सिर्फ लखनऊ में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने 327 मुकदमे दर्ज किए हैं। 1113 लोगों को गिरफ्तार किया और 5558 लोगों के खिलाफ ऐहतियान कार्रवाई की।

 

अहमद अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सवाल उठाते हुए लिखा
उच्चतम न्यायालय का नजरिया अलग अलग क्यों है
किसान आंदोलन पर उच्च्तम न्यायालय: हम राइट टू प्रोटेस्ट के अधिकार में कटौती नही कर सकते
CAA: पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल तक नही हो सकता प्रदर्शन
कोठा & कम्पनी

रॉफल हामिद ने सरकार के रवैये और मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए रोष प्रकट करते हुए कहा
निर्दोषों को कब तक जेल में डाला जाएगा?
यदि सरकार गलत कर रही है, तो हमें उसके खिलाफ बोलने का अधिकार है, कपिल मिश्रा ने सबके सामने दंगा भड़काया लेकीन वह अभी तक जेल नहीं गया है।
आखिर बीजेपी को उर्दू नाम से क्या समस्या है?
हमारी माँग है कि
#AntiCAAProtestersKoRihaKaro

वहीँ जुबेर मेमन ने सरकार और न्यायतंत्र पर कटाक्ष करते हुए कहा
माइक वाले को जेल
देसी कट्टा वाले को बेल ?

वहीँ मौलाई जी ने देश की न्यायपालिका की भूमिका पर व्यंग्य कस्ते हुए लिखा
वर्षों बाद जब इतिहासकार इस बात का उल्लेख करना चाहें कि हमारे न्ययपालिका कब बुरी तरह खत्म हो गई तो तो आज के समय का उल्लेख होगा !

वहीँ इरम सैयद ने कहा कि CAA के खिलाफ प्रदर्शन करना हमारा अधिकार था बंदी बनाए गए लोगों को सरकार तत्काल रिहा करे
CAA के खिलाफ आंदोलन करना हमारा हक़ था और है
इस लिए जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनको जल्द से जल्द रिहा किया जाए।

 

 

 

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