लाल सागर में विमानवाहक पोत पर यमन की अमेरिका को चेतावनी
यमन की उच्च राजनीतिक परिषद के वरिष्ठ सदस्य, मोहम्मद अली अल-हूती ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए लाल सागर में अमेरिकी विमानवाहक पोत ‘यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन’ की उपस्थिति के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने लिखा, “बेहतर होगा कि ‘हैरी एस ट्रूमैन’ लाल सागर से हटकर अमेरिकी तटों पर लौट जाए और स्थिति सामान्य हो जाए। क्योंकि इसकी उपस्थिति समुद्र के सैन्यीकरण का कारण बन रही है।”
अल-हूती ने आगे कहा, “लाल सागर में उनकी (अमेरिकी नौसेना की) उपस्थिति अवैध है और उनके वैध कर्तव्यों से परे है। यह पूरी तरह से एक असंगठित और असंवेदनशील साहसिकता का हिस्सा है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस विमानवाहक पोत को वापस बुलाना अमेरिकी नौसेना के लिए कोई असामान्य बात नहीं होगी, क्योंकि इससे पहले ‘आइज़नहावर’ और अन्य पोतों के साथ भी ऐसा किया जा चुका है।
इससे पहले, इज़रायली चैनल 14 ने रिपोर्ट किया था कि ‘यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन’ लाल सागर के दक्षिणी हिस्से में यमन के तटों के करीब पहुंच चुका है। चैनल के अनुसार, इस पोत की तैनाती का उद्देश्य यमनी सशस्त्र बलों द्वारा इज़रायल पर किए गए हवाई हमलों का सामना करना है। हालांकि, कल यमनी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता, ब्रिगेडियर याहया सरी ने घोषणा की कि तेल अवीव और कब्जे वाले दक्षिणी यरुशलम पर यमन के दो सफल बैलिस्टिक मिसाइल हमलों के अलावा, लाल सागर में इस अमेरिकी विमानवाहक पोत पर भी हमला किया गया है।
उन्होंने कहा कि यमनी नौसेना, मिसाइल बलों और ड्रोन इकाइयों के संयुक्त अभियान में ‘यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन’ को कई क्रूज मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाया गया। इसी दौरान, कल शाम यमनी मीडिया ने राजधानी सना में आठ बड़े धमाकों की आवाज सुनने की खबर दी। गैर-आधिकारिक स्रोतों के अनुसार, सना के उत्तरी हिस्से में स्थित ‘मोइन’ क्षेत्र में प्रथम डिविजन मुख्यालय और ‘अल-सयाना’ शिविर को निशाना बनाया गया।
यमनी अल-मसीरा नेटवर्क ने बताया कि सना के केंद्रीय क्षेत्र में यमन के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय (अल-अरदी परिसर) पर दो हमले हुए, जबकि ‘थौरा’ क्षेत्र में स्थित ’22 मई सैन्य परिसर’ पर छह हमले किए गए। स्काई न्यूज समेत कुछ स्रोतों ने दावा किया कि यह हमला लड़ाकू विमानों से नहीं, बल्कि एक अमेरिकी जहाज के डेक से दागी गई मिसाइलों के जरिए किया गया था।
मोहम्मद अली अल-हूती ने कल रात एक बार फिर अमेरिका को संबोधित करते हुए कहा, “आप हमारे देश और हमारे सशस्त्र बलों के खिलाफ आक्रांता के रूप में युद्ध कर रहे हैं। यह वही घृणित मिशन है, जो ग़ाज़ा में नरसंहार को जारी रखने का प्रतीक है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका क्षेत्र में अपनी दादागिरी जारी रखते हुए ‘जंगल के कानून’ को थोपना चाहता है।
अमेरिका ग़ाज़ा में मानवता के समर्थन के बजाय, वह इज़रायली आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। हालांकि, यमन और उसके सशस्त्र बल अपने सम्मान, मानवता, बुद्धिमत्ता और दृढ़ संकल्प के कारण ग़ाज़ा का समर्थन कर रहे हैं। यह दोनों प्रकार के समर्थन में बड़ा अंतर है।