आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे पर भी महिलाओं के मजाक किया जा रहा: अखिलेश

आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे पर भी महिलाओं के मजाक किया जा रहा: अखिलेश

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए पर महिला आरक्षण विधेयक के रूप में ‘घोर झूठ’ के साथ नए संसद भवन का कामकाज शुरू करने का आरोप लगाया। यादव ने कहा, “जब सभी को पता था कि इस विधेयक को लागू करने में कई साल लगेंगे, तो फिर बीजेपी सरकार को इस मुद्दे को आगे बढ़ाकर भारत की महिलाओं के सामने झूठ बोलने की जरूरत क्यों पड़ी।

महिला आरक्षण बिल को लेकर विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने मांग की है कि महिला आरक्षण का प्रावधान वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव और इसके बाद होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लागू किया जाना चाहिए।

बता दें कि महिला आरणण बिल लोकसभा में पास हो गया है। अब इस पर राज्यसभा में भी चर्चा हो रही है। लेकिन इसके लागू होने में अभी वर्षों लगेंगे। विपक्ष इसको लेकर सरकार पर हमलावर है। अखिलेश यादव ने कहा की बीजेपी सरकार न तो जनगणना और न ही जातीय जनगणना के पक्ष में है। इसके बिना विधेयक लागू नहीं किया जा सकता।” उन्‍होंने कहा कि अगर इरादे साफ हैं तो विधेयक के प्रावधानों को जल्द लागू किया जाना चाहिए।

एसपी नेता ने कहा कि इस विधेयक को लागू होने में दशकों लगेंगे। उन्‍होंने इसे आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे पर महिलाओं के साथ मजाक बताया। वहीं आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि आरएलडी के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने 1977 में संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए आरक्षण की वकालत की थी। दुबे ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लाने में बीजेपी सरकार को नौ साल लग गए।

उन्होंने कहा, “वे इसे 2024 के लोकसभा चुनाव में लाभ पाने के लिए ला रहे हैं। अगर उनकी मंशा साफ है तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महिलाओं को इस आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। एसपी के राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि देर-सबेर संसद में समाज के इन उपेक्षित वर्गों और समुदायों का बहुमत होगा और हम पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को न्याय सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे।

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