ट्रंप: समस्याओं का समाधान या खुद एक बड़ी समस्या?

ट्रंप: समस्याओं का समाधान या खुद एक बड़ी समस्या?

डोनाल्ड ट्रंप ने अभी संयुक्त राज्य अमेरिका की दोबारा राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाले चंद हफ्ते ही गुज़ारे हैं, लेकिन इस कम अवधि में उन्होंने बहुत कुछ उलट-पलट कर रख दिया है। टैरिफ बढ़ाने की इतनी धमकियां दे चुके हैं कि चेतावनी के दायरे में आने वाला हर देश चिंतित और परेशान है। यह अपने आप में एक बड़ी समस्या है, लेकिन ट्रंप वही हैं जो एक ही मोर्चा खोलकर नहीं रहते। उन्होंने कई छोटे-छोटे मोर्चे और भी खोल रखे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप से हारने वाली भारतीय मूल की कमला हैरिस ने चुनावी अभियान के दौरान ही कहा था कि ट्रंप ने “दुश्मनों की सूची” बना रखी है, जिन पर वह मुकदमा चलाना चाहते हैं। कुछ समय पहले डॉक्टर फिल को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा था कि “कई बार बदला लेना या प्रतिशोध न्यायसंगत (जस्टिफाइड) होता है।” वे अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को भी दुश्मन मानते हैं, इसलिए यह सूची लंबी है।

इस सूची में एक नाम जैक स्मिथ का भी है, जो बतौर विशेष अभियोजक, ट्रंप के खिलाफ मुकदमों में अभियोजन पक्ष का नेतृत्व कर रहे थे। उनके बारे में ट्रंप की राय का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। वे पहले ही कह चुके हैं कि “उन्हें मानसिक रूप से दिवालिया समझते हुए देश से बाहर फेंक देना चाहिए।”

इसी तरह, लिज़ चेनी, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया था और विस्कॉन्सिन की पूर्व विधायक हैं, के बारे में ट्रंप ने कहा था कि लिज़ (चेनी) को जेल भेज देना चाहिए। वे अपनी नाराजगी, विरोध या अलग विचारधारा के प्रति प्रतिक्रिया देने में शब्दों की मर्यादा का ध्यान नहीं रखते। उन्हें इस बात की भी परवाह नहीं होती कि जिस पर वे निशाना साध रहे हैं, वह कोई महिला है, जिसे सम्मान दिया जाना चाहिए।

ट्रंप की “हिट लिस्ट” को “हेट लिस्ट” भी कहा जा सकता है। यह भले ही लिखित रूप में मौजूद न हो, लेकिन उनके भाषणों के आधार पर इसे तैयार किया जा सकता है। ऐसी कोई भी सूची पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी के नाम के बिना पूरी नहीं होती। राजनीतिक विरोध रखना आम बात है, लेकिन ट्रंप की खास बात यह है कि वे न तो नैन्सी पेलोसी को एक महिला होने के नाते कोई रियायत देते हैं और न ही पूर्व स्पीकर के पद को कोई सम्मान देते हैं। वे कह चुके हैं कि नैन्सी ने उनके महाभियोग के दौरान बहुत गड़बड़ी की थी, इसलिए उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसमें कोई हैरानी नहीं होगी अगर वे उन पर मुकदमा भी चला दें।

दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप की सूची में कुछ ऐसे नाम भी हैं, जिनकी अलग सूची बनाई जा सकती है। जैसे एक नाम इंटेलिजेंस प्रोफेशनल्स का है, जिनकी कुल संख्या 51 है। यही नहीं, एक नाम 6 जनवरी सलेक्ट कमेटी के सदस्यों का भी है, जिसमें कई नाम शामिल हैं। यह कमेटी 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हुए हमले की जांच के लिए बनाई गई थी।

क्या ट्रंप इन सभी प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे? अगर करेंगे तो इसका मकसद क्या होगा? क्या इन सभी को भविष्य में अदालत का दरवाजा खटखटाने से रोकना है? क्या ऐसा माहौल बनाना है कि कोई भी ट्रंप के खिलाफ कोई कदम उठाने से पहले दस बार सोचे? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन ट्रंप का अपना एक अंदाज है। वे चुप नहीं रह सकते। जब बोलते हैं तो शब्दों पर नियंत्रण नहीं रखते और जब कुछ करते हैं तो विवादों से बचने की कोई गारंटी नहीं होती। और अभी तो एक महीना भी पूरा नहीं हुआ, आगे देखते रहिए, उनकी धमाचौकड़ी देखने लायक होगी!

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है।

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *