लेबनान पर इज़रायली हमलों में शहीदों और घायलों की संख्या 17 हज़ार से अधिक
इज़रायल के अस्थायी आतंकवादी ज़ायोनी शासन द्वारा लेबनान के विभिन्न क्षेत्रों पर निरंतर चल रहे क्रूर और हिंसक हमलों के कारण इस देश में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। इस दौरान लेबनानी सरकार ने पीड़ितों की संख्या में भारी वृद्धि की जानकारी दी है, जिससे मानवता को झकझोर देने वाले इस संघर्ष के प्रभाव और गहरे हो गए हैं।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार रात को एक बयान जारी करते हुए कहा कि पिछले चौबीस घंटों में इज़रायली सेना द्वारा किए गए हमलों में 54 आम नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 56 लोग घायल हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि ये हमले लेबनान के कई हिस्सों में हुए हैं, जिससे वहां के नागरिकों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है।
प्रसिद्ध समाचार चैनल अल-जज़ीरा ने लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट दी कि 8 अक्टूबर को इज़रायली हमलों की शुरुआत के बाद से अब तक कुल 3243 लोग शहीद हो चुके हैं और 14134 लोग घायल हो चुके हैं। यह आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जिससे लेबनान की स्वास्थ्य सेवाएं और बचाव दल अत्यधिक दबाव में हैं।
इस युद्ध में इज़रायल द्वारा लगातार की जा रही हवाई बमबारी, तोपखाने के हमले और मिसाइल हमले लेबनान के सामान्य नागरिकों के लिए एक बड़ा संकट बन गए हैं। कई शहरों में विस्फोटों की आवाजें और धुएं के बादल देखे जा सकते हैं, और नागरिक अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में भाग रहे हैं। बचाव कार्यों में लगे अधिकारी बार-बार प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमलों की तीव्रता के कारण यह काम कठिन होता जा रहा है।
इन क्रूर हमलों के चलते अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों ने चिंता व्यक्त की है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि लेबनान में हो रहे यह हमले मानवता के खिलाफ अपराध की तरह हैं, और इसके पीड़ित मुख्यतः निर्दोष नागरिक, महिलाएं, बच्चे, और बुजुर्ग हैं। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने लेबनान में युद्ध-विराम और शांति स्थापना के लिए तुरंत कदम उठाने का आग्रह किया है।