मॉस्को में कंसर्ट हॉल पर आतंकी हमला, पीएम मोदी ने दुख जताया
रूस की राजधानी मॉस्को में क्रोकस सिटी हॉल पर हुए आतंकी हमले में मरने वाले लोगों की संख्या 60 हो गई है। आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। 140 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमला शुक्रवार रात (22 मार्च) को हुआ। इसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (IS) ने ली है। सेना जैसी वर्दी पहने 5 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं, बम फेंके और फरार हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- हम मॉस्को में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। दुख की इस घड़ी में भारत, रूस की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।
मॉस्को के एक कॉन्सर्ट हॉल में हथियारबंद लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में 60 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 115 अन्य घायल हो गए। मरने वालों की शुरुआती संख्या 40 थी। लेकिन बाद में यह संख्या बढ़ गई। रूस की जांच एजेंसी ने कहा है कि हमले में करीब 150 लोग घायल हुए हैं। इनमें बच्चे भी हैं। मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है।
खबरों में कहा गया है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने शुक्रवार देर रात क्रास्नोगोर्स्क के क्रोकस सिटी हॉल में धावा बोला और रॉक कंसर्ट में शामिल होने आए लोगों पर गोलियां चला दीं। हमले के दौरान इमारत में आग लगा दी गई। मौके पर कमांडो यूनिट और नेशनल गार्ड ने हमले का जवाब दिया लेकिन आतंकी भाग निकले।
रूस को यूक्रेन पर शक
रूस के हमले में यूक्रेन का हाथ होने का दावा किया। इस पर यूक्रेन ने बयान जारी करते हुए कहा, ”हम इस तरह के आरोपों को यूक्रेन विरोधी उन्माद को बढ़ावा देने के रूप में मानते हैं।अंतरराष्ट्रीय समुदाय में यूक्रेन को बदनाम करने का तरीका है। हमारे देश के खिलाफ रूसी नागरिकों को लामबंद किया जा रहा है।”
ISIS की खुरासान विंग ने हमले की ज़िम्मेदारी ली
आतंकी संगठन IS ने आमाक न्यूज एजेंसी के जरिए बयान जारी किया। कहा, ”इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने रूस की राजधानी मॉस्को के बाहरी इलाके क्रास्नोगोर्स्क शहर में ईसाइयों की एक बड़ी सभा पर हमला किया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए और उनके सुरक्षित रूप से अपने ठिकानों पर लौटने से पहले उस जगह पर भारी तबाही हुई। हमला करने के बाद हमारे लड़ाके मौके से भाग निकले।”
BBC ने अपनी रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से लिखा- हमला ISIS की खुरासान विंग यानी ISIS-K ने किया। ISIS-K का नाम उत्तरपूर्वी ईरान, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान और उत्तरी अफगानिस्तान में आने वाले क्षेत्र के नाम पर रखा गया है। यह संगठन सबसे पहले 2014 में पूर्वी अफगानिस्तान में एक्टिव हुआ। तब रूस के उग्रवादी समूहों के कई लड़ाके इसमें शामिल होने सीरिया पहुंच गए।