देर रात तक स्टेटस रिपोर्ट दायर न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई योगी सरकार को फटकार
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में भाजपा सरकार के मंत्री के बेटे द्वारा किसानों को कुचलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से योगी सरकार को फटकार लगाई है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील हरीश साल्वे से कहा कि कोर्ट ने कल देर रात तक स्टेटस रिपोर्ट दायर किए जाने का इंतजार किया लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि हमें अब स्टेटस रिपोर्ट मिली है। कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से सुनवाई को शुक्रवार तक टालने की मांग को भी खारिज कर दिया।
Senior advocate Harish Salve appearing for UP govt tells SC that a status report in a sealed cover has been filed in the case.
CJI says judges waited till late last night for any filing, we received it now. Judges refuses to adjourn matter for Friday after a request from Salve
— ANI (@ANI) October 20, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील साल्वे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सील बंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट अदालत को सौंप दी गई है जिस पर पलटवार करते हुए कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमने कल देर रात तक रिपोर्ट दायर किए जाने का इंतजार किया लेकिन रिपोर्ट अब सौंपी गई है।
सीजेआई ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘इतनी देर से रिपोर्ट सौंपेंगे तो हम इसे कैसे पढ़ेंगे? कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सर्कार को कम-से-कम एक दिन पहले रिपोर्ट दायर करनी चाहिए।’ इस पर यूपी सरकार ने कोर्ट से शुक्रवार तक का समय मांगा।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से ये भी पूछा कि अभी तक इस मामले में और लोगों से पूछताछ क्यों नहीं की गई? सीजेआई ने उत्तर प्रदेश की पूछताछ में ढिलाई पर कहा, ‘आपने अब तक 164 में से 44 गवाहों से पूछताछ की, और लोगों से क्यों नहीं।’ हालांकि, इस पर साल्वे ने जवाब दिया कि प्रक्रिया जारी है और सभी मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दें कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में भाजपा सरकार के मंत्री के बेटे द्वारा प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचल दिया गया था, जिसमें चार किसानों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में एक पत्रकार सहित चार अन्य लोग भी मारे गए। मामले में कुल आठ लोगों की जान गई थी।
किसान संगठनों ने कहा था कि जिस गाड़ी से आंदोलन कर रहे किसानों को कुचला गया उसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा भी था। किसानों के इस आरोप के बाद केंद्रीय मंत्री ने इन आरोपों को गलत बताया था लेकिन जब मामले के वीडियो आना शुरू हुए तो उसमे साफ़ दिखाई दे रहा था कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया था उसमे केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा भी बैठा हुआ वीडियो के वायरल होने के लगभग एक हफ्ते बाद आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी हुई थी।
ग़ौर तलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में भी उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा था कि मर्डर के आरोप में केस दर्ज होने के बाद भी आशीष मिश्रा को यूपी पुलिस ने क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से ये भी पूछा था कि क्या किसी आम नागरिक के साथ भी यही रवैया अपनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में सुनवाई शुरू की थी।