बंधकों के मुद्दे पर इज़रायली कैबिनेट में ज़बरदस्त मतभेद

बंधकों के मुद्दे पर इज़रायली कैबिनेट में ज़बरदस्त मतभेद

इज़रायल द्वारा हमास के कब्जे से बंधकों को रिहा नहीं करने के बाद इज़रायली कैबिनेट में मतभेद तेज हो गए हैं। गाजा युद्ध की रणनीति पर इज़रायली सेना में भी गंभीर मतभेद सामने आने लगे हैं। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में 3 कमांडरों ने कहा है कि हमास को हराना और बंधकों को जिंदा बचाना दोनों काम एक साथ संभव नहीं हैं, बंधकों की वापसी का सबसे अच्छा तरीक़ा कूटनीतिक तरीक़ा हैं।

गाजा युद्ध को लेकर इज़रायली कैबिनेट के एक सदस्य ने बंधकों को छुड़ाने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति पर संदेह जताया है। कैबिनेट के चार सदस्यों में से एक, पूर्व सैन्य प्रमुख गॉडी ईसेनकोट इससे पहले कह चुके हैं कि केवल युद्ध-विराम समझौते के माध्यम से ही गाजा में हमास द्वारा अभी भी रखे गए दर्जनों बंधकों की रिहाई संभव हो सकती है।

उन्होंने ख़याली पुलाव कह कर इस बात को ख़ारिज कर दिया कि बंधकों को अन्य तरीकों से भी मुक्त कराया जा सकता है। इस मुद्दे पर ईसेनकॉट का यह पहला बयान था। यह हमास के खिलाफ युद्ध की दिशा निर्धारित करने के तरीके पर शीर्ष इज़रायली अधिकारियों के बीच असहमति का नवीनतम संकेत था।

यह पूछे जाने पर कि क्या 1976 के ऑपरेशन के समान बचाव अभियान में बंधकों को मुक्त कराया जा सकता है, जिसमें इज़रायली कमांडो ने युगांडा के एंटेबे शहर में लगभग 100 बंधकों को मुक्त कराया था। ईसेनकोट ने कहा कि इसकी संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि बंधक बिखरे हुए हैं, उन्हें एक जगह पर नहीं रखा गया है, जबकि कई भूमिगत आश्रय स्थलों में हैं, ऐसे में इस तरह के ऑपरेशन की संभावना बहुत कम है।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में इज़रायली रक्षामंत्री यू गैलेंट ने युद्ध के बाद गाजा में फिलिस्तीनियों के शासन की वकालत की थी, जबकि प्रधानमंत्री नेतन्याहू इसके खिलाफ हैं। रक्षामंत्री ने कहा था कि गाजा में फिलिस्तीनी रहते हैं, इसलिए भविष्य में वे ही सत्ता संभालेंगे। गाजा की भावी सरकार ग़ाज़ा के लोगों की होगी। उन्होंने कहा कि युद्ध ख़त्म होने के बाद ग़ाज़ा से युद्ध का कोई ख़तरा नहीं रहेगा और हमास एक शासक और सैन्य शक्ति के रूप में काम नहीं कर पाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि, ग़ाज़ा की भावी सरकार एक नागरिक सरकार होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इज़रायली नागरिकों की सुरक्षा के लिए इज़रायल ग़ाज़ा पर सैन्य अभियान के लिए स्वतंत्र होगा। उधर, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बंधकों को छुड़ाने में नाकामी से नाराज सैकड़ों लोगों ने इजराइल की राजधानी तेल अवीव में प्रधानमंत्री नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और नाराज प्रदर्शनकारियों ने उन्हें ‘शैतान का चेहरा’ बताया।

प्रभावित परिवारों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नेतन्याहू सरकार ने 7 अक्टूबर को हमें नजरअंदाज किया और तब से हर दिन हमें नजरअंदाज कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री पर इज़रायल की सुरक्षा को खतरे में डालने का भी आरोप लगाया और साथ ही प्रदर्शनकारियों ने इज़रायल में नए चुनाव की मांग करते हुए कहा कि हमारे पास इस स्थिति को बदलने या निंदा करने की शक्ति है, इसलिए इस सरकार को अब हटाना होगा।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles