क्या आज केवल एक ही व्यक्ति मंदिर जा सकता है, दूसरा नहीं ? राहुल गांधी का सवाल

क्या आज केवल एक ही व्यक्ति मंदिर जा सकता है, दूसरा नहीं ? राहुल गांधी का सवाल

राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं। इन दिनों उनकी यात्रा असम में है। राहुल गांधी ने असम के बोर्दोवा थान मंदिर में राम मंदिर प्रतिष्ठा के समय प्रार्थना करने की बात कही। वह मंदिर जा रहे थे लेकिन अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हैबोरागांव में आगे बढ़ने से रोक दिया गया और वह धरने पर बैठ गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ‘क्यों नहीं जा सकता? मैंने क्या गलती है? मैं बस हाथ जोड़ने जाना चाहता हूं, रिस्पेक्ट पे करना चाहता हूं। प्रशासन कह रहा है कि मैं जा नहीं सकता, तो मैं क्यों नहीं जा सकता?’ इसका वीडियो भी सामने आया है। वहीं बटाद्रवा थान मंदिर के प्रबंधन ने राहुल गांधी से मंदिर में तभी जाने के लिए कहा है जब अयोध्या के राम मंदिर का ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह समाप्त हो जाएगा।

महिला कांग्रेस के नेताओं ने अनुमति न दिए जाने पर अपना असंतोष व्यक्त करने के लिए धरना पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। राहुल गांधी के साथ बैठे लोग जय श्री राम के नारे लगाने लगे। धरना स्थल पर राम भजन हुए और कांग्रेसियों ने रघुपति राघव राजा राम भी गाया।

इस दौरान राहुल गांधी के साथ कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, जयराम रमेश और अन्य भी नजर आ रहे हैं। जयराम रमेश ने कहा,” यह लोकतंत्र की हत्या है कि एक इंसान को मंदिर में जाने से रोका जा रहा है, यहां के सांसद तक को मंदिर में नहीं जाने दिया जा एयहा है। ऐसा क्यों किया जा रहा है?” जयराम रमेश ने आगे कहा, “हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। लेकिन यहां स्थानीय सांसद गौरव गोगोई को भी रोका जा रहा है। यह अन्याय है।”

राहुल गांधी खुद विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और अधिकारियों से सवाल किया। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें मंदिर जाने से क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा, ‘क्या पीएम मोदी अब तय करेंगे कि कौन और कब मंदिर जा सकता है? हम कोई समस्या पैदा नहीं करना चाहते, बस मंदिर में प्रार्थना करना चाहता हूं।’

कांग्रेस सेवा दल के प्रमुख लालजी देसाई ने स्थिति को ‘शर्मनाक’ मानते हुए अपनी अस्वीकृति व्यक्त की। उन्होंने मंदिर में प्रार्थना करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रधानमंत्री और असम के मुख्यमंत्री दोनों की आलोचना की। देसाई ने आगे दावा किया कि सरकार यह तय कर रही थी कि लोग कब और कहां प्रार्थना कर सकते हैं, यह कहते हुए कि इस मामले में कोई लोकतंत्र नहीं है।

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