सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क़ का 94 साल की उम्र में निधन
समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद 94 साल की उम्र में निधन हो गया। संसद के सबसे बुजुर्ग सांसद ने मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। चार बार विधायक रह चुके बर्क 2019 में पांचवीं बार संभल से सांसद चुने गए थे। वह एक मुखर समाजवादी नेता थे और बिना डरे अपनी बात रखने के लिए जाने जाते थे।
वे पिछले दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार में बेटे के अलावा पोता और पोती है। पोता विधायक है, जबकि पोती डॉक्टर है। पोती की ही निगरानी में इलाज चल रहा था। वह 1974 में बीकेडी से संभल से पहली बार विधायक बने1985 में लोकदल,1989 में जनता दल से विधायक रहे।1995 में सपा का दामन थामा।1996 में मुरादाबाद से सांसद चुने गए। लगातार तीन बार जीते।2009 में संभल से बसपा से सांसद बने। 2014 में पराजित रहे। 2019 में वह सपा से जीते।
डॉ शफीकुर्रमान बर्क संसद में सबसे बुज़र्ग सांसद थे और सपा के दिग्गज नेताओं में उनकी गिनती होती थी। समाजवादी पार्टी ने 2024 के लिए भी उन्हें संभल सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। उनके निधन के बाद सपा को बड़ा झटका लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सदन में तारीफ चुके थे। वो अक्सर तमाम मुद्दों पर अपनी राय खुलकर रखते थे, जिसके चलते वो सुर्खियों में बने रहते थे।
डॉ शफीकुर्रहमान बर्क का जन्म 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश संभल में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम कुरेशा बेगम है। उनका एक बेटा है और एक पोता जियाउर्रहमान बर्क हैं जो वर्तमान समय में यूपी की कुंदारकी सीट से सपा विधायक है। इनके निधन की खबर सुनकर सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है। जानकारी के मुताबिक, सासंद काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे।