चाचा की सहमति मिलने पर शिंदे सरकार में शामिल हुआ: अजित पवार
एनसीपी नेता अजित पवार ने पार्टी के संस्थापक और अपने चाचा शरद पवार पर बड़ा हमला किया है। अजित पवार ने कहा है कि शरद पवार जो कहते हैं उससे अलग करते हैं। उन्होंने दावा किया कि शरद पवार ने ही उनसे सत्ता में शामिल होने के लिए कहा था। अजित पवार ने दावा किया है कि उनके सरकार में शामिल होने के बारे में सुप्रिया सुले को जानकारी थी। अपने चाचा पर हमला करते हुए अजित पवार ने कहा था कि शरद पवार ने स्वेच्छा से अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था और बाद में खुद ही इसका विरोध कराने लगे थे।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को रायगढ़ के कर्जत में हुए एनसीपी अधिवेशन में कहा कि शरद पवार ने लगातार अपनी भूमिका बदली। गौरतलब है कि शरद पवार ने दो मई को एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अजित पार्टी अध्यक्ष बने थे। हालांकि बाद में शरद ने अपना फैसला वापस ले लिया था और अजित पवार ने अपना अलग गुट बनाकर महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल होने का फैसला किया था।
चाचा-भतीजे की सियासत से महाराष्ट्र की राजनीति का पारा चढ़ गया है। कर्जत की ठंडी हवा में भतीजे अजित पवार ने चाचा के इतिहास के पन्ने खोलते हुए कई सारे गंभीर आरोप लगाए। शिंदे-फडणवीस के साथ सरकार में शामिल होने और शरद पवार के इस्तीफे पर उन्होंने बड़ा बयान दिया। अजित ने अपनी स्टाइल में कहा कि सरकार में शामिल होने की उनकी (शरद पवार) सहमति थी। उनका अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना महज एक नौटंकी थी। लोगों को बुलाकर इस्तीफा वापस लेने के लिए समर्थकों को बुलाना भी सहमति का एक हिस्सा था।
शुक्रवार को अजित पवार की एनसीपी की दो दिवसीय चिंतन बैठक कर्जत में खत्म हो गई, लेकिन इसने शरद पवार की राजनीति पर कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्हीं के भतीजे अजित, कभी करीबी रहे प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने शरद पवार की राजनीति के पन्ने खोलकर कर दिए। पत्रकारों से बात करते हुए अजित ने कहा कि वे लगातार शरद पवार से कह रहे थे कि उन लोगों को काम के लिए सरकार में शामिल होना चाहिए।
जब उन्होंने शरद पवार से मिलकर, उन्हें पूरी बात बताई, तब शरद पवार ने कहा कि वे लोग सरकार में शामिल हो जाएं। इसके बाद वे इस्तीफा दे देंगे। उसके बाद उन्होंने बुक प्रकाशन के मौके पर इस्तीफा दिया, लेकिन उसके तुरंत बाद लोगों को कहा कि उनके समर्थन में लोग प्रदर्शन करें और इस्तीफा वापस मांगे। प्रदर्शन के बाद उन्होंने इस्तीफा वापस लिया, अगर इस्तीफा नहीं देना था, तो फिर इतनी नौटंकी क्यों? उन्होंने कहा कि सुप्रिया सुले ने भी सरकार में शामिल होने का समर्थन किया था।
बीजेपी सरकार में शामिल होने पर अजित पवार ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि उनके ऊपर केस थे, इसलिए वहां गए। कई सारे आरोप लगाए गए। लेकिन यह गलत है। उन्होंने (शरद पवार ने) जैसा कहा, वैसा किया। उनके पास वित्त विभाग है। जिला नियोजन विकास निधि में उन पर कोई आरोप नहीं लगा सकता।