राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को राजनीति का मंच बनाया गया: कमलनाथ

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को राजनीति का मंच बनाया गया: कमलनाथ

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राम मंदिर निर्माण पर हुए आयोजन को राजनीतिक मंच बनाने का आरोप लगाते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है।

वर्तमान में केन्द्र व राज्य में बीजेपी की सरकार है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन का दायित्व बीजेपी सरकार पर है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जिस तरह से इस कार्यक्रम को राजनीतिक स्वरूप दिया है और धर्म को राजनीतिक मंच पर लाने का प्रयास किया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, दुखद है। भगवान राम हमेशा से हम सभी की आस्था का केंद्र रहे हैं और हमेशा रहेंगे।

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जिस तरह से इस कार्यक्रम को राजनीतिक स्वरूप दिया है और धर्म को राजनीतिक मंच पर लाने का प्रयास किया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, दुखद है। भगवान राम हमेशा से हम सभी की आस्था का केंद्र रहे हैं और हमेशा रहेंगे। इस पर राजनीति धार्मिक स्वतंत्रता और सनातनी परंपराओं के साथ खिलवाड़ है।

उन्होंने आगे कहा कि आज हम सबके अराध्य प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर मैं पुनः देशवासियों को बधाई देता हूं और प्रभु राम के चरणों में नमन करते हुए देशवासियों की समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूं। प्रभु राम सभी का कल्याण करें, सभी को निरोगी रखें, सभी की मनोकामना पूर्ण करें और देश में अमन-चैन और भाईचारे की रक्षा करें।

इस पर राजनीति धार्मिक स्वतंत्रता और सनातनी परंपराओं के साथ खिलवाड़ है। कमलनाथ ने याद दिलाया कि जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ था, तब मैंने वीडियो संदेश के माध्यम से इसका स्वागत किया था और देशवासियों को इस बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम की बधाई दी थी।

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