पीएम मोदी आज 24 परगना जिले के बारासात में महिला रैली को संबोधित करेंगे
भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल जीतना अब भी काफी बड़ी चुनौती है। लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां से बड़ी जीत दर्ज करना चाहती है। ऐसे में वह ममता बनर्जी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि संयोग से भाजपा को संदेशखाली के रूप में एक बड़ा मुद्दा मिल गया है जिसको लेकर वह टीएमसी के खिलाफ हमलावर है।
आज पीएम मोदी एक बार फिर पश्चिम बंगाल में होंगे। वह नार्थ 24 परगना जिले के बारासात में एक महिला रैली को संबोधित करेंगे। यह रैली भाजपा के लिए बेहद खास हो सकती है। यहां महिला रैली का होना इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि इसी जिले में रैली वाली जगह से कुछ दूरी पर ही संदेशखाली है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रैली के जरिए पश्चिम बंगाल की सरकार और टीएमसी पर जोरदार हमला बोलेंगे।
इस जगह से वह देश भर की महिलाओं को संबोधित करेंगे। वह यहां संदेशखाली में महिलाओं के उत्पीड़न के मुद्दों को उठा सकते हैं और राज्य की सत्ताधारी टीएमसी पर निशाना साध सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले पीएम की यह रैली राजनैतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भाजपा को संदेशखाली के रूप में एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को अब भुनाना चाहती है। यही कारण है कि भाजपा ने पश्चिम बंगाल में नेताओं को संदेशखाली की घटना के विरोध में जमकर प्रदर्शन करने और इसे आम लोगों के बीच उठाने की ताकीद पहले ही कर दी है।
मजबूत रणनीति के साथ भाजपा राज्य में इस मुद्दे को उठा रही है टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों को महिला विरोधी साबित कर रही है। इसके साथ ही राज्य में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी तेज कर दिया गया है। लोगों का ध्यान इन योजनाओं की तरफ दिलाया जा रहा है।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में लाख कोशिशों के बावजूद भाजपा टीएमसी को हरा नहीं पाई थी तो उसका एक बड़ा कारण टीएमसी को राज्य की महिला वोटरों का समर्थन था। अब तक माना जाता रहा है कि महिला सीएम होने के कारण टीएमसी को राज्य की महिलाएं दूसरी पार्टियों की अपेक्षा अधिक पसंद करती हैं।
अब भाजपा टीएमसी को मिल रहे इसी समर्थन को संदेशखाली का मुद्दा उठा कर कम करना चाहती है। भाजपा को लगता है कि महिला वोटरों का कुछ प्रतिशत भी टीएमसी से भाजपा की तरफ आता है तो यह आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है। यही कारण है कि वह संदेशखाली के मुद्दें को लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है।