संसद सुरक्षा का आरोपी, बीजेपी सांसद के आईटी सेल में काम करता था: कर्नाटक कांग्रेस
संसद सुरक्षा चूक मामले को लेकर सियासत गरमाई हुई है। विपक्षी सांसद लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। जिसके कारण लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाई आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बता दें कि कल 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
इन सब के बीच बीच कर्नाटक कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाया है। कर्नाटक कांग्रेस ने कहा कि संसद की सुरक्षा के उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार व्यक्ति पहले बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के लिए उनके आईटी सेल में काम कर चुका है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने बीजेपी सांसद के दफ्तर को सील करने की भी मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता एम. लक्ष्मण ने कहा कि दर्शक दीर्घा से मुख्य हॉल में कूदने वाला मनोरंजन बीजेपी मैसूरु-कोडगु सांसद प्रताप सिम्हा का बहुत करीबी था। उसने मैसूरु, मदिकेरी और नई दिल्ली में उनके साथ बैठकें की थीं। लक्ष्मण ने कहा, “हमें नहीं पता कि ये बैठकें कब हुईं। उनके कार्यालय को जब्त कर लिया जाना चाहिए।
यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। अगर वे दस्तावेज और सबूत मांगते हैं, तो हम उन्हें उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं। हमारे बयान सबूतों पर आधारित हैं। हम जो दावा कर रहे हैं यह सच्चाई के बहुत करीब है।
इस बीच, BJP सांसदों, मंत्रियों, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। प्रताप सिम्हा भी चुप हैं और घटना के 24 घंटे बाद भी उन्होंने सुरक्षा उल्लंघन के आरोपियों द्वारा उनसे दर्शक दीर्घा के लिए पास प्राप्त करने पर कोई ट्वीट या बयान नहीं दिया है।
कांग्रेस नेता ने पूछा कि सांसद प्रताप सिम्हा इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? वह आमतौर पर मीडिया के सामने छोटी-छोटी घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हैं और इस मामले में उनकी चुप्पी संदेह पैदा कर रही है। यदि कोई मुस्लिम शामिल होता या यदि पास कांग्रेस पार्टी के नेता द्वारा जारी किया गया होता तो पूरा देश हथियारबंद हो जाता। वह सुरक्षा की चार परतों को तोड़ने में कैसे कामयाब रहा? यह एक पूर्व-निर्धारित कृत्य प्रतीत होता है।