इज़रायल के चंगुल से छूटकर हमास की तारीफ़ कर रहीं फिलिस्तीनी महिलाएं

इज़रायल के चंगुल से छूटकर हमास की तारीफ़ कर रहीं फिलिस्तीनी महिलाएं

इज़रायल और हमास 4 दिन के युद्ध वीरराम के बाद शुक्रवार को 39 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया। जब ये कैदी वेस्ट बैंक में पहुंचे तो जबरदस्त तरीके से इनका स्वागत हुआ। रिहा किए गए कैदियों में कुछ को छोटे अपराधों के लिए और कुछ को हमलों के लिए दोषी ठहराया गया था। इन सभी कैदियों को यरूशलम के बाहर एक जांच चौकी पर रिहा किया गया, जहां भारी संख्या में फिलिस्तीनी लोग एकत्रित हुए थे। इन लोगों ने नारे लगाएं, तालियां बजाईं और हाथ हिलाएं।

रिहा किए गए कैदियों में पंद्रह युवक स्तब्ध दिखाई दे रहे थे। मैले कपड़े पहने, थकावट से चूर ये युवक रिहा होने के बाद जब अपने-अपने पिता से मिले तो उनके कंधों पर सिर रखकर रोते हुए दिखाई दिए। रिहाई का समय रात का था लेकिन आतिशबाजी की वजह से आसमान अलग-अलग रंगों से पटे हुए दिखाई दिए वहीं देशभक्ति के संगीत ने माहौल को और खुशनुमा बना दिया। रिहा किए गए कैदियों में से कुछ फिलिस्तीनी झंडों को हाथ में लिए हुए थे तो कुछ हमास के हरे झंडों को अपने कंधों पर लिए हुए थे।

जांचचौकी से बाहर निकलने के बाद उन्होंने जीत का संकेत दिया। रिहा हुए कैदियों में एक 17 साल का लड़का जमाल बाहमा भी था, जो उस दौरान धक्का-मुक्की कर रहे पत्रकारों और नारे लगाते हजारों फिलिस्तीनियों की भीड़ में कुछ कहने की कोशिश कर रहा था। जमाल ने कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं है, मेरे पास शब्द नहीं है।’ उसने कहा, ‘अल्लाह का शुक्र है।

जमाल के पिता ने जब अपने बेटे को गले से लगाया तो उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे, क्योंकि वह सात महीनों में पहली बार अपने बेटे को देख रहे थे। इज़रायली बलों ने जमाल को पिछले वसंत में फिलिस्तीनी शहर जेरिको में उसके घर से गिरफ्तार किया था और बिना किसी सुनवाई व आरोप के उसे हिरासत में रखा हुआ था। जमाल के पिता ने कहा, ‘मैं उसे फिर से पिता की परवरिश देना चाहता हूं।’

इज़रायल और हमास के बीच चार दिवसीय संघर्ष-विराम शुक्रवार को शुरू हुआ, जिसके दौरान इज़रायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली में ग़ाज़ा में 13 इज़रायलियों सहित दो दर्जन बंधकों को कैद से रिहा किया गया। इज़रायली बंधकों के रिहा होने के कुछ घंटों बाद इजराइल की जेलों से फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया।

रिहा किए गए फिलिस्तीनी कैदियों में 24 महिलाएं भी शामिल थीं, जिनमें से कुछ को इज़रायल के सुरक्षा कर्मियों को चाकू मारने और अन्य प्रकार के हमलों के प्रयास में कई साल जेल की सजा सुनाई गई थी। दो महीने से इज़रायल की जेल में बंद 58 साल की हनान अल अरगौटी ने रिहा होने के बाद हमास, उसके नेता और ग़ाज़ा के लोगों की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘अल्लाह हमारी तरफ से उन्हें ईनाम दे। अगर यह न होते तो हम आजादी न देख पाते।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles