फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के अपमान पर मोरक्को में आक्रोश

फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के अपमान पर मोरक्को में आक्रोश

फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के प्रति अपमानजनक बयान के बाद मोरक्को के लोगों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। शुक्रवार रात को मोरक्को की राजधानी रबात में स्थित संसद के सामने लोगों ने एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने मैक्रों के बयान को फिलिस्तीनी प्रतिरोध के प्रति “निंदनीय” और “अस्वीकार्य” बताया।

मैक्रों, जो हाल ही में मोरक्को के दौरे पर थे, ने मोरक्को की संसद में दिए गए अपने भाषण में फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों को ‘जंगली’ कहकर संबोधित किया और 7 अक्टूबर को हुए घटनाओं के लिए इन्हें दोषी ठहराया। मैक्रों ने अपनी बात को सही ठहराने के लिए इज़रायली सेना द्वारा किए गए हमलों को “आत्मरक्षा” का नाम दिया, जिससे मोरक्को में गुस्से की लहर दौड़ गई।

मोरक्कोवासियों का मानना है कि इस बयान से फिलिस्तीनी प्रतिरोध के प्रति एक गलत संदेश गया है और यह न केवल फिलिस्तीनियों के खिलाफ है बल्कि यह पूरे अरब और मुस्लिम समुदायों के प्रति भी अपमानजनक है। इस विरोध प्रदर्शन में उपस्थित लोगों ने मैक्रों की इस टिप्पणी को न सिर्फ खारिज किया, बल्कि इसे एक बड़ा राजनैतिक षड्यंत्र बताया। उनका मानना था कि इस बयान के पीछे फिलिस्तीन के मुद्दे को दबाने और इज़रायल के प्रति समर्थन जताने का प्रयास है।

इस विरोध प्रदर्शन में लोगों ने नारे लगाए जैसे, “जनता संबंधों को सामान्य करने की नीति रद्द करने की मांग करती है,” “फिलिस्तीन एक अमानत है और इज़रायल के साथ संबंधों को सामान्य करना एक विश्वासघात है,” और “ग़ाज़ा से लेकर बेरूत तक, प्रतिरोध जिंदा रहेगा।” इन नारों से यह साफ हो गया कि मोरक्को के लोग फिलिस्तीनी जनता और प्रतिरोध के साथ मजबूती से खड़े हैं और इज़रायल के साथ संबंध सामान्य करने की किसी भी नीति के विरोध में हैं।

विरोध में शामिल लोगों ने यह भी कहा कि फिलिस्तीन केवल एक क्षेत्र का मुद्दा नहीं है बल्कि यह अरब और इस्लामी एकता का प्रतीक है। फिलिस्तीन की स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय का अधिकार केवल फिलिस्तीनियों का ही नहीं, बल्कि पूरे अरब समुदाय का अधिकार है। प्रदर्शनकारियों ने ग़ाज़ा और लेबनान के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की जो वर्तमान में इज़रायली आक्रमणों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि इस कठिन समय में पूरी दुनिया को फिलिस्तीनियों और लेबनानियों का समर्थन करना चाहिए।

इस विरोध के माध्यम से मोरक्कोवासियों ने यह संदेश दिया कि वे फिलिस्तीन के मुद्दे पर किसी भी समझौते को अस्वीकार करते हैं और उनकी नजर में इज़रायल के साथ संबंधों को सामान्य करना एक धोखा है।

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *