ट्रंप सरकार में एलन मस्क की मौजूदगी का विरोध बढ़ा

ट्रंप सरकार में एलन मस्क की मौजूदगी का विरोध बढ़ा

डोनाल्ड ट्रंप की नई सरकार में अमेरिकी अरबपति और स्पेसएक्स तथा टेस्ला के मालिक एलन मस्क के प्रभाव को लेकर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में इकोनॉमिस्ट और यूगॉव द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से यह सामने आया है कि रिपब्लिकन पार्टी के भीतर भी अब मस्क की प्रभावशाली भूमिका को लेकर असहमति बढ़ रही है।

रिपब्लिकन में मस्क के समर्थन में भारी गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप सरकार में मस्क के प्रभाव के समर्थक रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों की संख्या में भारी गिरावट आई है। पहले जहां 47% रिपब्लिकन मस्क की भूमिका का समर्थन कर रहे थे, अब यह संख्या घटकर 26% रह गई है। वहीं, 17% रिपब्लिकन पूरी तरह से मस्क के किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप के खिलाफ हैं और उनकी भागीदारी को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, 43% का कहना है कि मस्क की सीमित भूमिका से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

डेमोक्रेट्स और स्वतंत्र मतदाता भी ट्रंप प्रशासन में मस्क के प्रभाव के विरोध में

रिपब्लिकन पार्टी के भीतर मस्क के समर्थन में गिरावट के साथ-साथ डेमोक्रेट्स और स्वतंत्र मतदाता भी उनके प्रभावशाली भूमिका के खिलाफ हैं। सर्वेक्षण में सामने आया कि केवल 6% डेमोक्रेट्स और स्वतंत्र सांसद मस्क के ट्रंप सरकार में प्रमुख भूमिका के समर्थन में हैं। इससे साफ होता है कि विपक्षी दल और स्वतंत्र राजनीतिक समूह मस्क को ट्रंप प्रशासन में ज्यादा दखल देने के पक्ष में नहीं हैं।

अमेरिकी जनता भी मस्क के प्रभाव को लेकर बंटी 

सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिका की केवल 13% जनता चाहती है कि ट्रंप प्रशासन में एलन मस्क का विशेष प्रभाव बना रहे, जबकि 46% अमेरिकी पूरी तरह से इसके खिलाफ हैं। इसके अलावा, 51% लोगों का मानना है कि मस्क का ट्रंप प्रशासन में पहले ही अत्यधिक प्रभाव रहा है, जिससे सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

क्यों बढ़ रही है मस्क के खिलाफ असहमति?

एलन मस्क हाल के वर्षों में अपनी कंपनियों और निजी बयानों को लेकर कई बार सुर्खियों में रहे हैं। उनकी राजनीतिक बयानबाजियों और सोशल मीडिया पर ट्रंप के प्रति झुकाव के कारण कई लोगों को आशंका है कि ट्रंप प्रशासन में उनका प्रभाव बढ़ने से फैसलों में निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, रिपब्लिकन पार्टी के भीतर भी यह चिंता बढ़ रही है कि मस्क का ज्यादा प्रभाव नीति निर्माण को व्यवसायिक हितों की ओर झुका सकता है।

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