सत्ता में बने रहने के लिए नेतन्याहू, युद्ध को लंबा खींचना चाहते हैं : पूर्व इज़रायली राजनयिक

सत्ता में बने रहने के लिए नेतन्याहू, युद्ध को लंबा खींचना चाहते हैं : पूर्व इज़रायली राजनयिक

इज़रायल के पूर्व महावाणिज्य दूत एलोन पिंकाश का कहना है कि इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का राजनीतिक हित मौजूदा युद्ध को समाप्त करने में नहीं है, बल्कि इसे लंबा खींचने में है। पिंकाश ने सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि नेतन्याहू युद्ध को खत्म करने के बजाए इसे जारी रखने पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि उनके राजनीतिक जीवन के लिए युद्ध जैसा माहौल फायदेमंद साबित हो रहा है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इज़रायल और ग़ाज़ा के बीच संघर्ष चरम पर है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेतन्याहू पर युद्ध-विराम की मांगों का दबाव है।

बाइडेन के प्रस्ताव को ठुकराया
पिंकाश ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से ग़ाज़ा संकट को हल करने के लिए जो भी प्रस्ताव पेश किया जा रहा है, उसे नेतन्याहू बार-बार ठुकरा रहे हैं। बाइडेन प्रशासन ने ग़ाज़ा में मानवीय राहत पहुंचाने और युद्ध को खत्म करने के लिए विभिन्न पहल की हैं, लेकिन नेतन्याहू ने इन योजनाओं को गंभीरता से नहीं लिया। पिंकाश ने विशेष रूप से यह भी कहा कि नेतन्याहू ने युद्ध-विराम और बंधकों की रिहाई पर समझौते की ओर कोई कदम नहीं बढ़ाया है, जबकि ग़ाज़ा में अभी भी लगभग 100 बंधक फंसे हुए हैं।

बंधकों की अनदेखी
पिंकाश ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि इज़रायली प्रधानमंत्री ने बंधकों की स्थिति पर अब कोई विशेष ध्यान नहीं दिया है। ग़ाज़ा में 100 से अधिक इज़रायली नागरिक अभी भी बंधक बने हुए हैं, जिनकी रिहाई के लिए किसी ठोस योजना पर काम नहीं किया जा रहा है। पिंकाश के अनुसार, नेतन्याहू ने इस मुद्दे को भी युद्ध की भेंट चढ़ा दिया है और वे अब इस पर बातचीत भी नहीं कर रहे हैं, जिससे बंधकों के परिवारों में रोष और चिंता बढ़ती जा रही है।

लेबनान में तनाव घटाने का रास्ता
पिंकाश ने कहा कि गाजा में युद्ध-विराम ही एकमात्र रास्ता है, जिससे लेबनान में भी तनाव कम हो सकता है। लेबनान की सीमा पर हिज़्बुल्लाह और इज़रायली बलों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर ग़ाज़ा में युद्ध-विराम हो जाता है, तो लेबनान की स्थिति भी स्थिर हो सकती है। हालांकि, नेतन्याहू इस तर्क को अनदेखा कर रहे हैं और ग़ाज़ा में हिंसा जारी रखते हुए पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ाने का जोखिम उठा रहे हैं।

नेतन्याहू की राजनीतिक रणनीति
पिंकाश का यह बयान नेतन्याहू की राजनीतिक रणनीति की आलोचना के रूप में देखा जा रहा है। उनका मानना है कि नेतन्याहू अपने राजनीतिक करियर को बचाने के लिए युद्ध की स्थिति का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे इज़रायल के अंदरूनी राजनीतिक परिदृश्य में उनका दबदबा बना रहे। युद्ध की स्थिति उन्हें घरेलू राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से बचाए रखती है, क्योंकि इस माहौल में जनता का ध्यान सुरक्षा पर केंद्रित रहता है और नेतन्याहू खुद को एक मजबूत नेता के रूप में पेश कर सकते हैं।

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