भगवान राम को देवता के रूप में पेश करने के लिए नैरेटिव तैयार किया गया: राज्यपाल तमिलनाडु

भगवान राम को देवता के रूप में पेश करने के लिए नैरेटिव तैयार किया गया: राज्यपाल तमिलनाडु

नई दिल्ली: तमिलनाडु के गवर्नर रविन्द्र नारायण रवि ने भगवान राम को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। राज्यपाल रवि ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भगवान राम को उत्तर भारत के देवता के रूप में पेश करने के लिए एक विशेष नैरेटिव गढ़ा गया। उन्होंने आगे कहा सोशल इंजीनियरिंग और सांस्कृतिक जनसंहार के जरिए सांस्कृतिक विरासत से युवाओं को वंचित किया जा रहा है। जो एक तरह की निर्मित सोशल इंजीनियरिंग और सांस्कृतिक जनसंहार का परिणाम है। राज्यपाल ने ये भी कहा कि जो लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलते थे वे अब चुप हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि एक नैरेटिव तैयार किया गया है कि राम उत्तर भारतीय देवता हैं, जबकि वे यहां (तमिलनाडु) के नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि तमिलनाडु में लोग राम को नहीं जानते हैं। श्रीराम हर जगह हैं। तमिलनाडु में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां उनके पदचिह्न न हों और वे तमिलनाडु के लोगों सहित हर व्यक्ति के दिल और दिमाग में बसते हैं। गवर्नर ने आरोप लगाया कि लोगों ने सनातन धर्म पर हमले शुरू किए इसे वायरस, डेंगू और मलेरिया जैसे नाम दिए। फिर अचानक वे चुप हो गए। अब सनातन धर्म के खिलाफ कोई बात नहीं हो रही है।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘भारत के सबसे पूजनीय राष्ट्रीय प्रतीक श्री राम तमिलनाडु के लोगों के दिलों में भी बसते हैं। इस पवित्र भूमि के हर इंच पर उनके पदचिह्न हैं। वे वह कड़ी हैं जो भारत को जोड़ती है और वसुधैव कुटुम्बकम के वैश्विक दृष्टिकोण सहित इसकी संस्कृति और दर्शन को आकार देते हैं।’’ राज्यपाल ने कहा कि पूर्वोत्तर से लेकर कन्याकुमारी के दक्षिणी छोर तक राम हर जगह मौजूद हैं और उनके नाम का जाप उन लोगों द्वारा किया जाता है जिनके दिलों में वे सदा निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि वह (भगवान राम) देश को जोड़ने वाली एक कड़ी हैं और रामराज्य की अवधारणा को भारत के संविधान में शामिल किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles