अगले चुनाव में मुसलमान भी मुझे भारी संख्या में वोट देंगे: गडकरी

अगले चुनाव में मुसलमान भी मुझे भारी संख्या में वोट देंगे: गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया है कि इस बार मुस्लिम समुदाय के मतदाता भी उनके कार्यों के कारण बड़ी संख्या में उन्हें वोट देंगे। गडकरी नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। याद रहे कि एक दिन पहले ही यह खबर आई थी कि केंद्रीय मंत्री ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान ऐलान किया है कि वह आगामी चुनाव में वह अपना विज्ञापन नहीं करेंगे और न ही वोट के लिए किसी पर चाय-पानी के लिए पैसे ख़र्च करेंगे। जिनको वोट देना है वो देंगे, जिनको नहीं देना है वो नहीं देंगे।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने साफ़ शब्दों कह दिया कि जिसको वोट देना है वह उनके काम देखकर वोट दे। जिसे लगता कि मैंने जनता के विकास के लिए काम किया है वह मुझे दे , और जिसे लगता है कि मैंने कोई काम नहीं नहीं किया है वह मुझे वोट न दे। मैं वोट के लिए किसी को चाय नाश्ता नहीं कराऊंगा। नितिन गडकरी के इस बयान को जनता में काफ़ी सराहा जा रहा है। उनके इस बयान पर जनता की तरफ़ से यह प्रतिकिर्या आ रही है कि नितिन गडकरी जी की तरह अन्य नेताओं को भी जाति-पाति,धर्म,समुदाय की जगह अपने काम पर वोट माँगना चाहिए।

शुक्रवार शाम नागपुर के बाद वह वाशम जिले में एक सड़क का उद्घाटन करने के मकसद से पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा, ”मैंने जो काम किया है उसे देखकर इस बार मुसलमान भी मुझे वोट देंगे। अगर वे वोट नहीं भी देंगे तो भी मैं उनका काम करता रहूंगा। गडकरी ने दावा किया कि “मैंने कभी भी जाति या समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं किया है।

गरीब व्यक्ति किसी भी धर्म का हो, वह गरीब है।” हिंदुओं को जिस कीमत पर गैस सिलेंडर मिलता है, मुसलमानों को भी उसी कीमत पर सिलेंडर खरीदना पड़ता है। गडकरी ने कहा, ”कोरोना के दौरान मैंने नागपुर के ताज बाग इलाके में स्थानीय निवासियों के साथ कई बैठकें कीं। मैंने उन्हें बताया कि मैं आरएसएस कार्यकर्ता हूं। चाहे आप मुझे वोट दें या नहीं, मैं आपकी सेवा करता रहूंगा। याद रहे कि नितिन गडकरी इन दिनों अपनी पार्टी से अलग नजर आ रहे हैं।

मालूम हो कि दो दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कुछ इसी तरह का बयान देते हुए कहा था कि, हमारे लिए कोई पराया नहीं है। संघ सबकी सेवा के लिए लगा हुआ है। लेकिन सवाल यही है कि फिर रमेश बिधूड़ी जैसे सांसद बेलगाम क्यों है ? उन पर कोई कार्यवाई क्यों नहीं की जाती ? अगर सभी नेताओं ने जनता के हित में काम किए हैं तो उन्हें अभद्र, नफ़रती और अमर्यादित भाषाओं से बचते हुए गडकरी जी की तरह अपने काम और जनता के लिए किए गए विकास पर वोट माँगना चाहिए।

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