हल्द्वानी हिंसा पर मायावती ने “उच्च स्तरीय” जांच की मांग की
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ‘‘उत्तराखंड राज्य के हल्द्वानी में हुई हिंसा और उसमें जान-माल की क्षति अति-चिंतनीय है। अगर सरकार, प्रशासन व खुफिया तंत्र सतर्क होता तो इस घटना को रोका जा सकता था। सरकार इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए तथा अमन-चैन भी कायम करे।
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, उत्तराखंड से सटे उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भी आए दिन किसी ना किसी मुद्दे को लेकर तनाव की स्थिति बनी रहती है, जिसे समय रहते सरकार को नियंत्रित कर लेना चाहिए ताकि यहां भी शांति व्यवस्था बनी रहे। गौरतलब है कि 9 फरवरी को मौलाना तौकीर रजा के भड़काऊ बयान के बाद बरेली में सड़क पर मुस्लिम समाज के लोग उतर आए थे। जुमे की नमाज के बाद श्यामगंज में दो जगहों पर हंगामा हुआ। पुलिस ने इसको लेकर 110 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
वहीं उत्तराखंड के हल्द्वानी में भड़की हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई। एक पत्रकार सहित सात घायलों का शहर के विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। अस्पतालों में भर्ती कराए गए करीब 60 घायलों में से ज्यादातर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। हल्द्वानी घटना पर एडीजी कानून एवं व्यवस्था अंशुमान ने कहा, “हल्द्वानी में हालात बिल्कुल सामान्य हैं। बाहरी क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा दिया गया है। केवल बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू जारी है। पूरे प्रकरण में 3 FIR दर्ज़ की गई है जिसमें 16 लोगों को नामजद किया गया है बाकी अज्ञात हैं। 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
हल्द्वानी के हालात को देखते हुए सेना से भी मदद मांगी गई है। शनिवार को सेना के जवान पहुंच जाएंगे। शुक्रवार को नैनीताल की DM वंदना सिंह ने कहा कि पैरामिलिट्री की तीन कंपनी ने मोर्चेबंदी कर ली है। 10 फरवरी की सुबह तक मिलिट्री भी पहुंच जाएगी। हल्द्वानी पुलिस ने पांच हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। हिंसा में नगर निगम को पांच करोड़, जबकि पुलिस को एक करोड़ से ज्यादा के नुकसान का अनुमान है।