कंगना को अपनी ज़बान पर काबू रखना होगा, आतंकी वाले बयान पर भड़के पंजाबी नेता
पंजाब: जैसे ही कंगना रनौत सांसद चुनी गईं, चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर एक महिला पुलिस अधिकारी की नाराजगी का शिकार होना पड़ा जिसने उन्हें थप्पड़ मार दिया। इस पर कंगना ने कहा था कि पंजाब में आतंकवाद और उग्रवाद चिंता का विषय है। उनके इस बयान पर पंजाब के नेताओं में नाराजगी है। शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि किसी को भी पंजाबी लोगों को आतंकवादी या उग्रवादी कहने और लोगों को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
वहीं बिक्रम सिंह मजीठिया ने ट्वीट किया कि भले ही मैं किसी भी रूप में हिंसा का समर्थक नहीं हूं, लेकिन मैंने बार-बार कहा है कि किसान देश के लिए अन्न पैदा कर रहे हैं और उनके बेटे, भाई और बहनें सीमाओं पर सेवा कर रहे हैं। उनकी आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर जो कुछ हुआ वह शासकों द्वारा किसानों और सैनिकों की आवाज को नजरअंदाज करने का नतीजा है।
बिक्रम सिंह के अनुसार सत्तारूढ़ वर्ग को यह समझना चाहिए कि ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई जिसमें कुलविंदर कौर को ऐसा कड़ा कदम उठाना पड़ा। उन्होंने एक बयान जारी किया कि “पंजाबी आतंकवादी बन रहे हैं… ऐसे बयानों से बचने की जरूरत है जिससे कड़ुवाहट का माहौल पैदा हो।”
इसके अलावा कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने ट्वीट किया है कि मैं कभी भी किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता। कुलविंदर कौर ने उन्हें इसलिए मारा क्योंकि कंगना रनौत ने विरोध करने वाले किसानों को दिहाड़ी मजदूर कहकर ताना दिया था जो उन्हें बुरा लगा, क्योंकि उनकी मां भी इस विरोध का हिस्सा थीं।”
खैरा ने कहा “ऐसा लगता है कि उन्होंने कोई सबक नहीं सीखा और एक बार फिर किसानों और पंजाब के खिलाफ जहर उगल रही हैं। वह थप्पड़ को पंजाब में आतंकवाद के पुनरुत्थान के रूप में पेश कर रही हैं। वह नहीं समझतीं कि यह गोली नहीं थप्पड़ था। खैरा ने कहा, “उन्हें अब समझना चाहिए कि वह एक सांसद हैं और उन्हें अपनी जुबान पर काबू रखना होगा।”