यूएन महासचिव के बयान पर इजरायल की पैंतरेबाजीइजरायल-हमास युद्ध का बुधवार को 19वां दिन है। गजा पट्टी में लगातार इजराइली बमबारी से करीब 6000 लोग अब तक मारे जा चुके हैं। जिनमें फिलिस्तीनी बच्चों और महिलाओं की तादाद ज्यादा है। 8000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें वहां इलाज भी नसीब नहीं है। पिछले तीन दिनों से इजरायल गजा में रिफ्यूजी कैंपों को चुन-चुन कर निशाना बना रहा है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने फिर से गजा में गंभीर मानवीय स्थिति का जिक्र करते हुए फौरन युद्धविराम का आह्वान किया। हालांकि यह अपील बार-बार हो रही है। उन्होंने हमास के हमलों की बी निंदा की, लेकिन बदले में इजरायली प्रतिक्रिया में फिलिस्तीनी नागरिकों के मारे जाने पर चिंता व्यक्त की।
यूएन अधिकारियों ने इज़राइल से गजा में पानी और बिजली बहाल करने का आग्रह किया। साथ ही मानवीय वस्तुओं के आसानी से आने-जाने की अनुमति देने को भी कहा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा न हुआ तो संघर्ष के बढ़ेगा।
संयुक्त राष्ट्र महसचिव गुतारेस ने मंगलवार को कहा था- “हमास ने हमला ऐसे ही नहीं कर दिया। इसके पीछे एक विचार, एक त्रासदी है!” उन्होंने यह भी कहा कि फिलिस्तीन के लोग लंबे समय से इजराइली कब्जे वाले इलाकों में बदतर जिन्दगी बिता रहे हैं। इजराइल सबसे ज्यादा इसी बात पर बौखलाया है कि यूएन महासचिव भी गाजा में उसके इलाकों को कब्जा मानते हैं। कब्जा शब्द सिर्फ अरब देश और फिलिस्तीन के समर्थक देश इस्तेमाल करते हैं। इस बयान से इजरायल खासा तिलमिलाया।,हारेत्ज अखबार का कहना है कि इसके बाद इजरायली मंत्रियों और नेसेट सदस्यों ने यूएन विरोधी बयानबाजाी शुरू कर दी।
इजरायल ने यूएन महासचिव से कहा- उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके बाद इजरायल के वित्त मंत्री एली कोहेन ने गुतारेस के साथ अपनी बैठक रद्द कर दी। इतना ही नहीं उन्होंने दबाव बनाकर बंधक परिवारों के साथ यूएन महासचिव के साथ होने वाली बैठक भी रद्द करा दी।