अमेरिकी टैरिफ से एशिया में भारत सबसे कम प्रभावित होगा
अमेरिकी टैरिफ के खतरों को लेकर रेटिंग एजेंसी मूडीज़ की नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि एशियाई क्षेत्र में अमेरिकी टैरिफ से सबसे कम प्रभावित होने वाला देश भारत होगा। मूडीज़ रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि एशियाई क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में भारत को अमेरिकी टैरिफ का कम खतरा है। हालांकि, यह आशंका भी जताई गई है कि ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ (पारस्परिक टैरिफ) के कारण भारत के खाद्य, वस्त्र और दवा जैसे कुछ सेक्टर इस खतरे का सामना कर सकते हैं।
मूडीज़ ने बताया कि उसकी ‘रेटेड पोर्टफोलियो’ में ज्यादातर कंपनियां स्थानीय बाजार पर केंद्रित हैं, जिनका अमेरिकी बाजार में कारोबार सीमित है। जोابی टैरिफ के दबाव को कम करने के लिए अमेरिका और भारत कथित तौर पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती, अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए बाज़ार की पहुंच बढ़ाने और अमेरिकी ऊर्जा की खरीद को बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा, 2025 की शरद ऋतु (फॉल) तक एक व्यापार समझौते को शुरू करने की कोशिश की जा रही है।
मूडीज़ ने आगे कहा कि एशिया-प्रशांत (एशिया पैसिफिक) क्षेत्र में भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे विकासशील देशों में अमेरिका के मुकाबले टैरिफ दरों में सबसे ज्यादा अंतर है। कम निर्यात मांग के प्रभावों के अलावा, इस क्षेत्र की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ा खतरा यह है कि जो देश चीन और अन्य विकसित एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं की तरह निर्यात-आधारित विकास मॉडल को अपनाना चाहते हैं, उनके लिए तेजी से बदलते व्यापारिक माहौल में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होगा।
रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि, “एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र की समग्र नीति प्रतिक्रिया उसकी क्रेडिट मजबूती (क्रेडिट स्ट्रेंथ) पर पूर्ण प्रभाव निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।” मूडीज़ ने यह भी कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि सरकारें व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएंगी, अमेरिका के साथ तनाव बढ़ाने से बचेंगी और हालिया घटनाक्रम के अनुरूप द्विपक्षीय वार्ताओं को प्राथमिकता देंगी।”
बढ़ती व्यापारिक बाधाओं को देखते हुए, लक्षित एशिया-प्रशांत देशों की मुद्राएं लगातार दबाव में रह सकती हैं, क्योंकि संभावित रूप से अधिक पूंजी बाहर जा सकती है और अमेरिकी डॉलर और मजबूत हो सकता है। ऐसी स्थिति में, क्षेत्र के केंद्रीय बैंकों के पास अपनी घरेलू मौद्रिक नीतियों में ढील देकर आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने की सीमित गुंजाइश होगी।
गौरतलब है कि अमेरिकी टैरिफ के खतरे और इसके जवाब में विभिन्न देशों द्वारा करों में वृद्धि की आशंका के कारण शेयर बाजारों में दबाव देखा जा रहा है।


popular post
बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे
बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे बिहार चुनाव के शुरुआती
संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू
कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर
4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस
4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया
कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच
भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़
कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने
महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत
महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की
5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,
कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र
रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा